गोपालगंज: अपनी बर्बादी का मंजर देखने के बाद रबी फसल के बुआई में जुटे किसान
अनुदानित दर पर गेंहू का बीज मुहैया कराने में कोताही बरत रहे कृषि विभाग के कर्मी, ऊंचे दामों में बाजारों से बीज खरीदकर फसलों की बुआई कर रहे किसान
गोपालगंज- जिले के सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित इलाका बैकुंठपुर प्रखंड के किसानों ने अपनी बर्बादी का मंजर देखने के बाद रबी की बुआई में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि 23 जुलाई को प्रखंड में आठ जगहों पर गंडक नदी का तटबंध टूट जाने से पूरा इलाका जलमग्न हो गया। विनाशकारी बाढ़ में किसानों के किये कराए पर पानी फिर गया। धान, मक्के सहित अन्य कई फसलें पूरी तरीके से बर्बाद हो गई। हालांकि धीरे-धीरे खेतों से पानी निकलने लगा। जिससे यह प्रतीत होने लगा कि रबी कि बुआई आसानी से हो जाएगी। परन्तु 25 सितम्बर को बाल्मीकि नगर बराज से अधिक मात्रा में पानी डिस्चार्ज किये जाने के कारण पूर्व में टुटे तबन्धों के रास्ते दुबारा बाढ़ का पानी गांवो में समाहित हो गया।
दुबारा बाढ़ का नजारा देख किसानों के हौसले टूटने लगे। उनके मन में रबी की बुआई पर ग्रहण लगता दिखने लगा। हालांकि धीरे-धीरे खेतों से पानी कम होने लगा। खेतों से जबतक पानी की निकासी हुई, तबतक किसानों की आर्थिक स्थिति डगमगा गई थी। तब बाढ़ ग्रस्त इलाके के किसान सरकार के तरफ से मिलने वाली फसल क्षति अनुदान की राशि के आस में थे। लेकिन कृषि विभाग के लापरवाही के कारण किसानों की यह मंशा भी पूरी नहीं हो सकी। इस परिस्थिति में रबी फसल की बुआई किसानों के लिए बड़ी चुनैती बन गई। बावजूद इसके किसानों ने रबी फसल की बुआई शुरू कर दी।
धर्मवाड़ी पंचायत अंतर्गत सफियाबाद गांव के किसान संजीत कुमार सिंह, ब्रह्मा सिंह, राकेश सिंह, गोपालजी सिंह, रामजी सिंह, हीरालाल सिंह, सुकेश्वर राय, दीनानाथ ठाकुर, जलेश्वर साह, प्रभु साह आदि ने बताया कि सरकार से फसल क्षति अनुदान की राशि नहीं मिलने के कारण महाजन से कर्ज लेकर खेतों की जुताई से लेकर खाद, बीज तक का व्यवस्था किया जा रहा है। उसके बाद रबी फसल की बुआई की जा रही है। इन लोगों ने बताया कि रबी की फसल की बुआई में देरी हो रहा था। उधर कृषि विभाग के तरफ से मिलने वाले अनुदानित दर पर गेंहू का बीज मुहैया कराने में भी कोताही बरती जा रही है। जिसके कारण ऊंचे दामों पर बाजारों से ही गेंहूँ का बीज खरीदकर सारे काम छोड़ रबी फसल की बुआई शुरू कर दी गई है। ताकि परिवार के भरण पोषण के लिए साल भर के अनाज का जुगाड़ हो सके।
रिपोर्ट:- नीरज कुमार सिंह
गोपालगंज (बिहार)