“दीर्घतपा”में महान आँचलिक साहित्यकार,अमर कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की 46वीं पुण्यतिथि मनी
आँचलिक भाषा के अगुवा पंक्ति के प्रेमचंद के बाद दूसरे बड़े लेखक थे फणीश्वर नाथ रेणु: के एन विश्वास
बिहार न्यूज़ लाइव / अररिया डेस्क: वरीय संवाददाता (अंकित सिंह) अररिया। जिला मुख्यालय के शिवपुरी में राजद के वरिष्ठ नेता पूर्व लोक अभियोजक के.एन.विश्वास के आवास “दीर्घतपा”में महान आँचलिक साहित्यकार,अमर कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की 46वीं पुण्यतिथि मनायी गयी।
कार्यक्रम में संवादिया के भोला पंडित प्रणयी,राजद युवा नेता सह समाजिक कार्यकर्त्ता अविनाश आनन्द,अधिवक्ता बीजेंद्र कुमार,कॉंग्रेस नेता मनु मुकेश मानव,नन्हें प्रियदर्शी,संजय यादव,ग़रीब नाथ महतो,सूचीत मेहता,संतोष मालाकर सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।श्री विश्वास ने बताया कि रेणु आँचलिक माटी के लाल,आँचलिक भाषा के अगुवा पंक्ति के प्रेमचंद के बाद दूसरे बड़े लेखक थे। जिन्होंने भारत की आजादी में अपनी महती योगदान के साथ नेपाल के राणाशाही क्रांति में भाग लिया था।
अपने परिवार के आर्थिक विपरीत परिस्थिति के बावजूद भी उन्होंने लेखनी नहीं छोड़ी और आज उनकी एक-एक कृति अमर है। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध मैला आँचल की लेखनी की जो विश्व के कई भाषा में अनुवादित है,इनके अलावा परती परिकथा, जुलूस,पलटू बाबू रोड,ऋणजल-धनजल,कितने चौराहे सहित दर्जनों प्रसिद्ध पुस्तकों की रचना की। ऐसे बिहार के माटी के लाल, स्वतंत्रता सेनानी,आँचलिक कथाकार,सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार,बिहार को गौरवान्वित करनेवाले और अपनी साहित्यिकी से पूर्णियाँ प्रमंडल को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर लानेवाले अमर कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु जी की 46वीं पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ।
संवदिया के साहित्यकार भोला पंडित प्रणयी ने कहा की रेणु जी के सान्निध्य में मैं कई वर्षों तक रहा,उनके अंदर आँचलिक घटना और परिवेश को अपनी लेखनी से चित्रण करने की अनूठी प्रतिभा थी। अररिया की माटी ने रेणु जैसे लाल को पैदा कर अररिया माटी को धन्य कर दिया। ऐसे कलम के सच्चे सिपाही को मेरा शत शत नमन।
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