समस्तीपुर; श्रीमद भागवत कथा के श्रवण से शरीर की विकृतियों की होती है नाश। पहले दिन भागवत महत्व का वर्णन…
बिहार न्यूज़ लाइव समस्तीपुर डेस्क: अर्जुन कुमार झा/समस्तीपुर/खानपुर प्रखंड क्षेत्र के रामनगर रंजीतपुर वैष्णवी चैती दुर्गा मंदिर के परिसर में श्रीमद भागवत कथा के पुरुषोत्तम मास के अवसर पर सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा व रासलीला का शुभारंभ किया गया।
श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन मंदिर परिसर से 51कुमारी कन्या के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई।कलश यात्रा में बैण्ड बाजे के साथ शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे बच्चे,युवती व महिलाओं ने हिस्सा लिया।सुबह के समय कलश के साथ महिला पुरुषों ने बाजे-गाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में सबसे आगे भागवत जी को सर पर उठाये आदरणीय श्री कृष्णा मिश्रा चल रहे थे।कलश यात्रा में पीले वस्त्र धारण की हुई कन्याएं व महिलाएं सिर पर कलश धारण किये हुए मंगलगीत गाते हुए चल रही थीं।
कलश यात्रा का शुभारंभ वैष्णवी माता मंदिर रामनगर रंजीतपुर से खतुआहा तालाब तक निकली गई।कलश यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया।कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के जयकारे से वातावरण गुंजायमान हो गया।
कथा वाचक व्यास संजय कृष्ण महराज जी ने श्रीमद् भागवत कथा की महत्व का वर्णन किए।भागवत कथा श्रवण से मनुष्य के अंदर जितनी भी विकृतियां होती हैं नष्ट हो जाता हैं।मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है।
जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया।वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है।यह परमहंसों की संहिता है।भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। अधिक मास में इसके श्रवण का महत्व है।भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है।यह ग्रंथ वेद,उपनिषद का सार रूपी फल है। यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है।
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