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लेटर वार के बीच केके पाठक निकले स्कूल का निरीक्षण करने ,केके पाठक के आने से शिक्षा विभाग में मची है खलबली

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पटना : गुरुवार को लेटर वार के बीच केके पाठक स्कूल का निरीक्षण करने निकल पड़े है। जहां शास्त्री नगर स्थित बॉयज स्कूल का निरीक्षण किया है। इसी बीच स्कूल में बच्चों एवं शिक्षकों का उपस्थिति की जानकारी ली है। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद डीएम और जिला शिक्षा अधिकारी एक्शन मोड में आ चुके हैं। पटना जिले में तीन दिन हुए स्कूलों के औचक निरीक्षण के दौरान 77 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इनका वेतन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है। डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि अब तक जिले के 1203 स्कूलों का निरीक्षण किया जा चुका है। इस दौरान छात्रों और शिक्षकों की उपस्तिति, मिड डे मील आदि की जांच की गई। जिले में कुल 3544 स्कूल है, बाकी बचे स्कूलों का भी निरीक्षण किया जाएगा।

पटना जिले के विभिन्न प्रखंडों के 938 विद्यालयों का औचक निरीक्षण मंगलवार को हुआ। निरीक्षण के दौरान बिना सूचना के अनुपस्थित पाये गए 10 शिक्षकों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है। इससे पहले तीन जुलाई को 832 विद्यालयों की जांच की गई थी, इसमें अनुपस्थित पाए गए 21 शिक्षकों का वेतन रोका गया। एक जुलाई को भी 371 विद्यालयों की जांच की गई, जिसमें 46 शिक्षकों का वेतन रोका गया। 

शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर और शिखा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच ठनी अब राजनीतिक रंग लेने लगी 

शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर की ओर से विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ की गई टिप्पणी अब राजनीतिक रंग लेने लगी है। सत्तारूढ़ दल आरजेडी और जेडीयू के नेता आपस में ही उलझ गए हैं। जेडीयू कोटे के अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने पाठक को मनमौजी मनुवादी और सामंतवादी बताकर शिक्षा मंत्री का साथ दिया है।जेडीयू के श्रवण कुमार और नीरज कुमार भले ही केके पाठक को ईमानदार और कर्मठ होने का प्रमाण पत्र दे रहे हों, लेकिन पाठक के बारे में जेडीयू कोटे के अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के मंत्री रत्नेश सदा की राय आरजेडी कोटे के शिक्षा मंत्री से ही मिलती जुलती है।सदा ने बुधवार को यहां कहा कि वे मुख्यमंत्री से केके पाठक की मनमानी की शिकायत करेंगे। ये मनमौजी, सामंती, मनुवादी और दलित विरोधी हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने अनुसूचित जाति के टोला सेवकों के मानेदय में 25 प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि टोला सेवक अगर अपने क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों में पांचवी तक के बच्चों की 90 प्रतिशत उपस्थिति की गारंटी नहीं करते हैं, उनके वेतन में 25 प्रतिशत कटौती की जाएगी।सदा ने कहा-शिक्षा विभाग में 50 हजार से तीन लाख रुपया वेतन पाने वाले शिक्षक हैं। उनकी कोई जिम्मेवारी नहीं है। दूसरी तरफ आठ-नौ हजार रुपया मानदेय पाने वालों पर कटौती लागू हो रही है।

केके पाठक के आने से शिक्षा विभाग में खलबली

तेजतर्रार माने जाने वाले आईएएस अधिकारी केके पाठक ने एक महीने पहले ही शिक्षा विभाग का कार्यभार संभाला। उनके आने के बाद से विभाग में खलबली मची है। पिछले दिनों उन्होंने विभाग के सभी कार्यालयों और स्कूलों में पदाधिकारी, कर्मचारी, शिक्षकों और अन्य स्टाफ को सख्त चेतावनी देते हुए समय के पाबंद होने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सभी जिलों के डीएम को स्कूलों का औचक निरीक्षण कर बिना सूचना के लिए गायब रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। केके पाठक भी खुद अचानक विभाग के किसी दफ्तर में पहुंच जाते हैं, और अनुपस्थित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं।

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