बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: आज दिनांक 21 जुलाई को राजेंद्र कॉलेज में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु शिष्य परंपरा पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने किया । बतौर मुख्य वक्ता प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात, हम अपने राष्ट्र की अस्मिता का सिंहावलोकन करते हैं,
तो अपनी संस्कृति एवम परंपरा में गुरु शिष्य परंपरा का विशिष्ट स्थान पाते हैं, जहां शिक्षक अपने शिष्य के अंदर की अंतर्निहित गुणों को पहचान कर, उसके व्यक्तित्व को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान देता हैं। इस द्वि प्रक्रिया में शिष्य को पूर्ण श्रद्धा एवम अनुशासित रहना प्रथम सीढ़ी हैं।उन्होंने कहा कि गुरु का तात्पर्य व्यक्ति को अंधकार से उजाले की ओर ले जाना होता है। गुरु कुम्हार की तरह होता है जो छात्रों को गढ़ता है ।
इसके लिए आवश्यक है कि छात्र गुरु के प्रति आस्था और विश्वास रखें। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. अनुपम कुमार सिंह ने किया। उसके बाद कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. देवेश, डॉ. कन्हैया प्रसाद और जया कुमारी पांडेय के नेतृत्व में माँ को प्रथम गुरु मानकर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. विशाल, डॉ. इक़बाल ज़फ़र अंसारी, डॉ. ऋचा मिश्रा, डॉ. अलाउद्दीन ख़ान, ज़ीवाकर हैदर, डॉ. परेश कुमार समेत शिवम, सचिन, विकास, अरुणिमा, कविता, श्रुति, अनुप्रिया, तौहीद, ज्ञानेन्द्र आदि उपस्थित थे।
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