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मधेपुरा : शिक्षा विभाग के ग्रामीण बैंक शाखा से 3 करोड़ फर्जी निकासी घोटाले मामले का हुआ पर्दा फॉस,एक आरोपी गिरफ्तार,

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बिहार न्यूज लाइव मधेपुरा डेस्क:  शिक्षा विभाग के ग्रामीण बैंक शाखा से 3 करोड़ फर्जी निकासी घोटाले मामले का हुआ पर्दा फॉस,एक आरोपी गिरफ्तार,

 

उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा में जिला शिक्षा विभाग के खाते से 2.99 करोड़ का हुआ था गबन।

 

मधेपुरा पुलिस कर रही थी मामले की जांच, शक के दायरे में था तत्कालीन स्थापना डीपीओ और शाखा प्रबंधक :

 

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:पुलिस को मिली कई अहम सुराग।

 

जिला संवाददाता रंजीत कुमार 

 

 मधेपुरा पुलिस ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक स्थित शिक्षा विभाग के सरकारी खाते से करीब 3 करोड रुपए की फर्जीवाड़ा कर निकासी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी सदर थाना क्षेत्र के साहुगढ़ भगवानपुर वार्ड संख्या 12 निवासी रघुनंदन यादव के पुत्र राजेश कुमार है। इस मामले को लेकर आज एसपी कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक 24 जुलाई को उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक स्टेशन रोड मधेपुरा के शाखा प्रबंधक उदित प्रियम ने मधेपुरा सदर थाना में एक लिखित आवेदन दिया था। जिसमें बताया गया था कि उक्त बैंक में शिक्षा विभाग के सरकारी खाते से करीब तीन करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा कर विभिन्न खताओं में राशि ट्रांसफर कर फर्जी निकासी किया गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद एसपी संदीप सिंह ने कांड को गंभीरता से लेते हुए सरकारी राशि का फर्जीवाड़ा गबन घोटाले करने वाले गिरोह में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एएसपी प्रवेंद्र भारती के नेतृत्व में एक विशेष स्पेशल टीम का गठन किया गया था। गठित टीम में मधेपुरा सदर थाना अध्यक्ष विमलेंदु कुमार,दारोगा अमित कुमार रॉय को शामिल किया गया था। गठित टीम के द्वारा साक्ष्य संकलन कर गिरोह में शामिल सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी। वहीं छापेमारी के क्रम में 17 अगस्त को फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सदस्य साहुगढ़ भगवानपुर वार्ड संख्या 12 निवासी राजेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त राजेश कुमार ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि सरकारी खाता से फर्जीवाड़ा कर रुपए निकासी करने वालों में विलास यादव, दीपक कुमार, विकास कुमार, धीरज कुमार एवं मनीष कुमार शामिल है। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर से मिलकर इन राशि को सभी के खाता में स्थानांतरित किया गया था। राजेश कुमार के खाता में 2 लाख ट्रांसफर कर निकासी किया गया है। बहरहाल गिरफ्तार अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। कांड में शेष बचे अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। इस मामले को लेकर एएसपी प्रवेंद्र भारती ने बताया कि कांड का खुलासा हुआ इस कांड में गिरफ्तार आरोपी से पुलिस को कई अहम सुराग मिली है शिक्षा विभाग के ग्रामीण बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक के मिली भगत से करीब 3 करोड़ की फर्जी निकासी का साजिश रची गई थी ग्रामीण बैंक की जांच रिपोर्ट की माने तो इतनी बड़ी राशि के गबन में पांच लाभुकों का नाम सामने आ रहा है। स्टेट बैंक आफ इंडिया की अलग-अलग शाखों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्णिया जिले के जानकीनगर थाना क्षेत्र के मिरचईयाबाड़ी वार्ड संख्या 7 निवासी मनीष कुमार के एसबीआई खाता संख्या 41276988374 में तीन एनईएफटी के माध्यम से 78 लाख 13441 रुपया ट्रांसफर किया गया है। इसी तरह जिले के गम्हरिया थाना क्षेत्र के रुपौली वार्ड संख्या 15 लक्ष्मीनिया निवासी दीपक कुमार के एसबीआई खाता सख्या 41341983510 में पांच एनईएफटी के माध्यम से एक करोड़ 19 लाख 36325 रुपया ट्रांसफर किया गया है। इसी प्रकार सिंहेश्वर थाना क्षेत्र के जजहट सबेला वार्ड संख्या 11 निवासी विकास कुमार के एसबीआई खाता सख्या 42061966481 में तीन एनईएफटी के माध्यम से 69 लाख 85 हजार 360 रुपया ट्रांसफर किया गया। मधेपुरा के साहूगढ़ टोला-2 वार्ड संख्या 12 के राजेश कुमार के एसबीआई खाता संख्या 42180405087 में एक एनईएफटी के माध्यम से दो लाख ट्रांसफर किया गया। गम्हरिया थाना क्षेत्र के रुपौली वार्ड संख्या 15 लक्ष्मीनिया निवासी धीरज कुमार के एसबीआई खाता संख्या 42061968547 में एक एनईएफटी के माध्यम से 29 लाख 85 हजार 165 पया ट्रांसफर किया गया। इन सभी लाभुकों का खाता एसबीआई की अलग-अलग शाखा में है। शक के दायरे में हैं तत्कालीन डीपीओ और शाखा प्रबंधक : ग्रामीण बैंक की जांच रिपोर्ट के अनुसार इतनी बड़ी राशि के गबन को लेकर तत्कालीन डीपीओ स्थापना शिवशंकर मिस्त्री और तत्कालीन ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक कुंदन कुमार भी शक के दायरे में आ गए हैं। आवेदन में कहा गया है कि शिक्षा विभाग ने तत्कालीन डीपीओ के पत्र और चेक पर किए गए हस्ताक्षर को फर्जी करार दिया है । लेकिन जांच के दौरान यह बात सामने आई की बैंक को पूर्व में मिले हस्ताक्षर का नमूना और चेक और पत्र पर किए गए हस्ताक्षर बिल्कुल मिलते हैं। ऐसे में यह जांच का विषय है। साथ ही साथ ही तत्कालीन शाखा प्रबंधक कुंदन कुमार कर्तव्य को नहीं निभाने के भी दोषी हैं। ऐसे में यह भी जांच का विषय है।

 

बहरहाल शेष बचे आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस लगातार छापेमारी अभियान चला रही बहुत जल्द सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

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