सारण: एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित मातृभाषा के महत्व पर दिया गया बल विभागाध्यक्ष एवं विभागीय शिक्षकों ने किया उद्घाटन
बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: छपरा कार्यालय। जयप्रकाश विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर “मातृभाषा:महत्ता एवं संभावनाएं” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
व्याख्यान का प्रारंभ दीप प्रज्वलन करके किया गया !बीज वक्तव्य देते हुए डॉ .चंदन कुमार श्रीवास्तव ने भाषाओं के जुड़े शक्ति संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भाषा और बोली के बीच के शक्ति संबंध को समझे बगैर मातृभाषा के संकटों को नहीं समझा जा सकता। यह ध्यान दिलाते हुए कि “माँ के आँचल मे सीखी जाने वाली भाषा अर्थात मातृभाषा की तुलना किसी से नहीं की जा सकती ” ।
मुख्य अतिथि एवं संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. बैद्यनाथ मिश्र ने भाषाओं की आपसी एकता के पहलू पर बल दिया।
विषय प्रवर्तन मे प्रो. डॉ. अजय कुमार ने भारत एवं बिहार में व्याप्त बोली की विविधता पर प्रकाश डाला और कहा मातृभाषा को अगर जीवित रखना है तो उसका व्यवहार प्रेमपूर्वक एवं सहजता से किया जाना चाहिए!
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य मे हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो. डॉ. अनिता ने मातृभाषा में शिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मातृभाषा में शिक्षण को बढ़ावा देना मातृभाषा के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण व्यवहारिक उपाय है।
मातृभाषा स्वाभिमान की अनुभूति है जिसको गर्व के साथ बोलना चाहिए । मातृभाषा दिवस का मूल उद्देश्य बहुभाषी शिक्षा है।अस्तित्व और अस्मिता के प्रश्न उसे जीवित रखने , समृद्ध करने की चिंता से उद्भूत अवश्य होते हैं,किंतु अन्य मातृभाषाओं के प्रति सौहार्द्र एवं प्रेम उक्त आयोजन का महती उद्देश्य है।शोधार्थी रत्न प्रिया ने मैथिली मे एवं राजी श्रीवास्तव ने भोजपुरी गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम में जान फूंक दी!
इसके अतिरिक्त हिंदी विषय के पैट -22 के शोधार्थियों – शशि शेखर,धर्मेंद्र कुमार राय, मोजाहिद रियाज़,इंद्रेश, आरती कुमारी,राजी श्रीवास्तव,रत्न प्रिया, जुली कुमारी,,सपना कुमारी, लता प्रासर, नेहा कुमारी ,अलका कुमारी, सिंधु कुमारी ,प्रीति सागर ,सीमा झा,हिमांशी कुमारी ,रणजीत राम, नूतन कुमारी, सुलेखा कुमारी, किरण आदि ने अपनी- अपनी प्रस्तुतियां दीं एवं वक्तव्य से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई ।
उत्कृष्ट मंच संचालन का दायित्व शोधार्थी लता प्रासर संभाल रही थीं, और धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी शशि शेखर ने किया! कार्यक्रम में विजय कुमार सिंह, पुरुषोत्तम मिश्र , जयप्रकाश कुमार एवं डॉ. विद्याभूषण श्रीवास्तव उपस्थित रहे!
Comments are closed.