* पाँच दिवसीय कार्यक्रम का किया समापन
(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर/अजमेर/ तीर्थराज पुष्कर में संन्यास आश्रम के सामने स्थित सैन भक्ति पीठ के पीठाधीश्वर सैनाचार्य स्वामी अचलानन्दाचार्य ने कहा कि तीर्थ हमेशा चेतन होता है । जबकि पुष्कर आदि अनादि तीर्थ है, जिसमें दान, तप किया हो । उसका पुष्कर की पुष्कर तीर्थ में करोड़ों गुणा फल मिलता है ।
सैनाचार्य आश्रम में पाँच दिवसीय चल रहे धार्मिक कार्यक्रम के दौरान कही ।
उन्होंने भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पुष्कर तीर्थ में आते रहना चाहिए ।सभी के पापों का क्षय होता है , इसी के साथ पुण्य का उदय होता है । सैनाचार्य ने कहा कि संतों के चरणों में पद्मक योग होता है । पिछले पाँच दिनों से चल रहे हवन की पूर्णाहुति दे कर पूर्ण किया । सैन भक्ति पीठ के प्रवक्ता हरिप्रसाद पाराशर ने बताया कार्यक्रम के पूर्णाहुति से पूर्व आश्रम में संतों का भण्डारा कर उन्हें दक्षिण देकर विदाई दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नरेन्द्र पंवार उर्फ़ भोम जी, रमेश दरगिया, ओमप्रकाश सैन, श्याम सैन, अमृत गहलोत, सुरेश बुल्गारिया, मोती भाई मौजूद रहे |
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