दरौली, सिवान: मोदी सरकार के 9 साल के तानाशाही को लेकर महागठबंधन के आह्वान पर भाकपा माले के द्वारा दरौली प्रखंड मुख्यालय पर गुरुवार को महा धरना दिया गया। साथ ही पार्टी नेताओं का एक शिष्टमंडल द्वारा एक ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया। जिसमें मोदी सरकार के 9 साल बेहिसाब शासन, काला कृषि कानून, महंगाई, बेरोजगारी, दलित गरीबों की हकमारी, देश में बढ़ रहे सामंती हमला समेत अन्य मुद्दों पर उनसे जवाब मांगा गया।
धरना को सम्बोधित करते हुए माले प्रखण्ड सचिव बचा कुशवाहा ने कहा कि 9 साल पहले मोदी सरकार लोगों को महंगाई से निजात दिलाने और काला धन वापस लाने का चुनावी जुमला देकर लोगों का विश्वास प्राप्त किया और उसके बाद देश की भोली-भाली जनता को ठेंगा दिखा दिया।
देश की जनता आज चरम तबाही- बर्बादी, महंगाई, लूट-दमन, उन्माद-उत्पात और नफरत के दौर से गुजर रही है। रसोई गैस की कीमत 1300 रु. प्रति सिलेण्डर पार कर गई है। विगत 75 वर्षों में बेरोजगारी दर भी अपने चरम पर है। दलित-गरीबों की आवास एवं खाद्यान्न योजना में भी लगातार कटौती की जा रही है। सामाजिक कल्याण की नीतियों को तर्कसंगत बनाने हेतु जाति आधारित गणना से भी आपने इंकार कर दिया। बिहार सरकार ने इसे अपनी पहलकदमी पर शुरू किया था, लेकिन साजिशन उसे भी रोक दिया गया है। यह मोदी सरकार की तानाशाही नहीं तो और क्या है?
धरना को मुखिया लालबहादुर कुशवाहा, आवाईए के राज्य परिषद सदस्य जगजीतन शर्मा, ऐपवा नेत्री मालती राम, कांग्रेस नेता रजनीश मिश्रा,जवाहर भाई, राजद के जितेंद्र कुशवाहा, जदयू के परमानंद सिंह, दीनानाथ यादव आदि नेताओं ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर रमायन पटेल, राजू सिंह, हरेंद्र यादव, नवलकिशोर यादव, श्याम यादव, संजू देवी, कपिल शाह, बबन राजभर, ललिता देवी, वीरेंद्र राजभर, लालबाबू पासवान सहित काफी संख्या में माले कार्यकर्ता शामिल थें।
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