पटना में इन दिनों दिवाली के त्यौहार को लेकर अब हर तरफ तैयारी शुरू हो गई है. हालांकि दिवाली में पटाखों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बड़ा फैसला लिया है.बिहार कई जिलों में पटाखों की वजह से काफी ज्यादा प्रदूषण हो गया था. जिस वजह से इस बार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पहले से ही सतर्क है।
दिवाली के पर्व को ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया है कि राज्य के कई जिलों (पटना-मुजफ्फरपुर-गया-हाजीपुर) में पटाखा बिक्री के नए लाइसेंस जारी नहीं होंगे. इसके अलावा पुराने लाइसेंस को भी रद्द करने का फैसला लिया गया है. इसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अधिकारियों को कार्रवाई की रिपोर्ट भी देने को कहा है. वहीं, बाकी जिलों में भी ईको फ्रेंडली पटाखे फोड़ने की अनुमति दे दी गई है, आदेश के अनुसार, अन्य जिलों में (ईको फ्रेंडली पटाखे) इसका मतलब बिना आवाज वाले पटाखा (फुलझड़ी.चरखी .महताब ) दीपावली के दिन रात 8 से 10 बजे तक बजे तक फोड़े जा सकेंगे. ईको फ्रेंडली पटाखे फोड़ने की अनुमति नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से दी गई है.
बता दें कि मुजफ्फरपुर पिछले साल नवम्बर महीने में अधिक प्रदूषण की मात्रा के कारण विशेष श्रेणी में रखा गया था. इसी वजह से यहां पटाखा बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. इसके अलावा पटना, गया, हाजीपुर ,मुजफ्फरपुर, में भी इस पर रोक लगा दी गई है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी डीएम व एससपी को पत्र लिखकर निर्देश जारी किये हैं. जिसमे अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा गया है कि पिछली बार दीपावली के समय इन शहरों के वायू प्रदूषण स्तर का अध्यन किया गया था. इस दौरान ये पाया गया कि दीपावली के समय हवा में पीएम 10, पीएम 2.5, एसओटू, एनओटू के अलावा हानिकारक धातुओं की मात्रा एकदम से बढ़ जाती है.
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