आंध्र प्रदेश:आस्था और परंपरा के नाम पर आज भी देश में बेजुबान जानवरों की बलि चढ़ाई जाती है। ऐसा ही कुछ आंध्र प्रदेश में संक्रांति के त्योहार पर वलसापल्ले स्थित एक मंदिर में किया जा रहा था। संक्रांति के अवसर पर यहां यल्लमा मंदिर में बलि का आयोजन किया गया था। आरोपी चलापथी जानवरों की बलि दे रहा था. 35 साल का सुरेश बलि के दौरान बकरे को पकड़े हुए था। तभी अचानक चलापथी ने बकरे की जगह सुरेश की गर्दन काट दी। आंध्र प्रदेश के चित्तूर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां नशे में धुत एक युवक ने बकरे की जगह उसे पकड़ने वाले आदमी की गर्दन काट दी। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।चलापथी और सुरेश में कोई आपसी रंजिश तो नहीं
पुलिस के मुताबिक चलापथी आरोपी शराब के नशे में धुत था. उसने बकरे की जगह हथियार सुरेश की गर्दन पर मार दिया. घायल अवस्था में उसे नजदीकि मदनपल्ले के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. यहां डॉक्टरों ने सुरेश को मृत घोषित कर दिया। चलापथी को पुलिस ने मौके से पकड़ लिया है। पुलिस दवरा इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं चलापथी और सुरेश में कोई आपसी रंजिश तो नही थी।
यल्लमा देवी के इस प्राचीन मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर हर साल बलि का आयोजन किया जाता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यह प्रथा काफी पुरानी है। इस दिन इलाके के लोग अपने जानवरों को लेकर मंदिर परिसर में पहुंचते हैं और बारी-बारी से उनकी बलि दी जाती है। सुरेश भी ठीक इसी तरह अपने जानवर की बलि देने पहुंचा था।
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