*दलित के मुद्दे पर आक्रमक भाजपा
*जूते साफ करने की बात पर कांग्रेस विधायक की जीभ नहीं जली- शेखावत
*बीकानेर की घटना में पुलिस की जांच संदेहास्पद
बिहार न्यूज़ लाईव / जयपुर डेस्क: / (हरिप्रसाद शर्मा) राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए चंद महीनों का ही समय बचा है। इस बीच नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका हैं। प्रदेश में पिछले दिनों कांग्रेस विधायक की जुते चटवाने वाली घटना पर केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत ने तीखी टिप्पणी की है। शेखावत ने कहा कि कांग्रेस विधायक द्वारा दलित व्यक्ति से जूते चटवाने की घटना बताती है कि यह अंग्रेजो के वंशज है। यह दलित को इंसान नहीं मानते है। केंद्रीय मंत्री ने बीकानेर में छात्र की हत्या पर कहा कि पुलिस का किसी को गिरफ्तार नहीं किया जाना, संदेहास्पद है।
कांग्रेस विधायक द्वारा दलित व्यक्ति की केंद्रीय मंत्री शेखावत पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शेखावत ने कहा कि कांग्रेस विधायक की जीभ न जल गई यह कहते हुए कि जब तक जूते जीभ से साफ नहीं करेगा जाने नहीं दूंगा। साथ ही कहा कि ये लोग दलितों को इंसान नहीं समझते हैं। ये अंग्रेजों के वंशज है। इन्हें लगता है बस इनको ही अधिकार है जीने का, बाकी सब इनकी गुलामी करें।
बीकानेर में छात्र की हत्या की घटना पर शेखावत ने कहा कि बीकानेर में कॉलेज छात्र की हत्या और सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना सामने आने के बाद भी पुलिस का किसी को गिरफ्तार नहीं किया जाना संदेहास्पद है। यहां आरोपियों के बराबर पुलिस भी दोषी नजर आ रही है। किसने उसके हाथ बांधे हैं। विप्र समाज ने सर्वथा उचित मांग रखी है। आरोपियों की गिरफ्तारी तुरंत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह घटना कांग्रेस का काला, जातिगत भेदभाव से भरा अमानवीय एक और चेहरा सबके सामने ला रही है। पीड़ित के एक-एक आरोप की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। राजस्थान गांधी और गहलोत परिवार की जागीर नहीं है और न ही कोई उनका यहां गुलाम है।
पुलिस ने बयान जारी कर जांच का हवाला देते हुए कहा है कि पेशाब करना और जुते चटवाने के मामले को प्रारम्भिक तफ्तीश में मामले को झूठा पाया है। जिले के जमवारामगढ़ इलाके में अपहरण कर पीटने, पेशाब करने और जूते चटवाने जैसे आरोप इस्तगासा के जरिये दर्ज करवाए गए थे।
प्रारम्भिक जांच के अनुसार यह मामला सेवनिवृत्ता पुलिस अधिकारी नवदीप सिंह की शह पर दर्ज करवाया गया है। उल्लेखनीय है कि नवदीप सिंह का कई वर्षों से जमवारामगढ़ इलाके के गांव टोडालडी आंधी में इस जमीन पर निवास कर रहे स्थानीय कब्जाधारी आदिवासी व दलित समुदाय के लोगों से विवाद चल रहा है।
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