नवनियुक्त आईसीसी के मुखिया जय शाह ने कहा दिव्यांग क्रिकेट पर अधिक संसाधन और ध्यान आवंटित करके आईसीसी के मिशन को आगे बढ़ाने से वे जीवंत और संपन्न होंगे।” समझे शाह के साहसिक बयान के मायने
नवनियुक्त आईसीसी के मुखिया जय शाह ने कहा दिव्यांग क्रिकेट पर अधिक संसाधन और ध्यान आवंटित करके आईसीसी के मिशन को आगे बढ़ाने से वे जीवंत और संपन्न होंगे।” समझे शाह के साहसिक बयान के मायने
आईसीसी चीफ जय शाह के बयान से दिव्यांग क्रिकेट में क्या होने वाले है क्रांतिकारी परिवर्तन
पीसीसीआई के संरक्षक धर्मेश शाह एवं अध्यक्ष सुरेंद्र लोहिया और डीसीसीआई के महासचिव रविकांत चौहान ने जताया हर्ष
✍️स्थानीय संपादक राकेश कुमार गुप्ता /डॉक्टर गणेश दत्त पाठक
दिल्ली :बीसीसीआई के सचिव जय शाह को बीते मंगलवार को आईसीसी का नया चेयरमैन चुना गया। उन्होंने निर्विरोध जीत दर्ज करते हुए इस पद को अपने नाम किया है। जय शाह के कार्यकाल की शुरुआत एक दिसंबर 2024 से करेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें, जय शाह आईसीसी इतिहास के सबसे युवा चेयरमैन हैं। वहीं, पूरा क्रिकेट जगत बीसीसीआई के मौजूदा सचिव जय शाह को बधाई दे रहा है। वही, चेयरमैन बनने की घोषणा के बाद जय शाह का एक बयान पुरे विश्व में दिव्यांग क्रिकेटरो के लिए एक नई संजीवनी लेकर आया है।जहां तक दिव्यांग क्रिकेट की बात है तो वहां पर संसाधनों का अभाव एक बड़ी चुनौती है। दिव्यांग खिलाड़ी हौसलों के बूते अपनी क्रिकेट खेलने की प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं लेकिन उन्हें हर कदम पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में नवनियुक्त इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी के मुखिया जय शाह ने बयान दिया है कि “हमें महिला क्रिकेट और दिव्यांग क्रिकेट पर अधिक संसाधन और ध्यान आवंटित करके आईसीसी के मिशन को आगे बढ़ाना चाहिए। साथ मिलकर, हम खेल के इन आवश्यक पहलुओं को सशक्त बना सकते हैं, जिससे वे न केवल दिखाई देंगे बल्कि जीवंत और संपन्न होंगे।”वह अपने कार्यकाल के दौरान महिला और दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान का भी प्रयास करेंगे। इस बयान से दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान की संभावनाएं सृजित हो रही है। उनके इस बयान पर दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान में लगी संस्थाओं और दिव्यांग खिलाड़ियों ने हर्ष जाहिर किया है।
विश्व में कई ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी है जिनमें क्रिकेट खेलने की प्रतिभा कूट कूट कर भरी हुई है। नियति जनित शारीरिक अक्षमताओं के बावजूद वे हौंसले के बल पर क्रिकेट खेलते हैं और अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर के वाहवाही बटोरते हैं। परंतु दुनिया में हर जगह हजारों ऐसे दिव्यांग खिलाड़ी हैं, जो संसाधनों के अभाव और संस्थागत चुनौतियों के कारण अपनी प्रतिभा का परचम नहीं लहरा पाते हैं। जो भी संस्थाएं विश्व स्तर पर दिव्यांग खिलाड़ियों के उत्थान के लिए प्रयास कर रही हैं। सभी को प्रोत्साहन और सहयोग की आवश्यकता है। ऐसे में आईसीसी चीफ जय शाह का बयान दिव्यांग क्रिकेट के लिए आशा की प्रबल ज्योत जगा रहा है।
दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान के लिए प्रयास किए जाए और संसाधन उपलब्ध कराया जाय तो बहुत ही सुखद परिणाम सामने आ सकते हैं। दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान में संसाधनों की उपलब्धता से काफी मदद मिल सकती है। संसाधन की उपलब्धता से दिव्यांग क्रिकेट को आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं, जैसे कि विशेष अभ्यास क्षेत्र और उपकरण की उपलब्धता से, दिव्यांग क्रिकेटरों को अपने कौशल को विकसित करने में मदद मिल सकती है। संसाधन की उपलब्धता से अनुभवी और विशेषज्ञ प्रशिक्षक दिव्यांग क्रिकेटरों को व्यक्तिगत ध्यान और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
विशेष उपकरण और तकनीक, जैसे कि स्मार्ट क्रिकेट बॉल और विशेष बैट, दिव्यांग क्रिकेटरों को अपने खेल में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। संसाधन की उपलब्धता से दिव्यांग क्रिकेटरों के लिए विशेष प्रतिस्पर्धी मंच और टूर्नामेंट आयोजित करने से उन्हें अपने कौशल का प्रदर्शन करने और अपने अनुभव को बढ़ाने का अवसर मिल सकता है। संसाधन की उपलब्धता से विशेषज्ञ चिकित्सा और फिटनेस समर्थन दिव्यांग क्रिकेटरों को अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इन संसाधनों की उपलब्धता से दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान मिल सकता है और दिव्यांग क्रिकेटरों को अपने सपनों को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
फिजिकली चैलेंज्ड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुख्य संरक्षक धर्मेश शाह ने भी दिव्यांग क्रिकेट के लिए श्री जय शाह के घोषणा का स्वागत किया है। 2014 से लगातार मुख्य संरक्षक धर्मेश द्वारा खिलाड़ियों को समय-समय पर मदद की जा रही है, जिसकी बदौलत है आज फिजिकल चैलेंज क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया भारत में ही नहीं विश्व में टॉप पर है। दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान के लिए प्रयास किए जाए और संसाधन उपलब्ध कराया जाय तो बहुत ही सुखद परिणाम सामने आ सकते हैं। दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान में संसाधनों की उपलब्धता से काफी मदद मिल सकती है। संसाधन की उपलब्धता से दिव्यांग क्रिकेट को आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं, जैसे कि विशेष अभ्यास क्षेत्र और उपकरण की उपलब्धता से, दिव्यांग क्रिकेटरों को अपने कौशल को विकसित करने में मदद मिल सकती है
फिजिकली चैलेंज्ड क्रिकेट एसोसिएशन यानी पीसीसीआई के मुखिया और दिव्यांग क्रिकेट के भीष्म पितामह माने जानेवाले सुरेंद्र लोहिया भी नवनियुक्त आईसीसी चीफ जय शाह के बयान से बेहद आशान्वित दिखाई देते हैं। उनका मानना है कि कई दिव्यांग खिलाड़ी बेहद प्रतिभावान हैं आवश्यकता उनके समर्थन और प्रोत्साहन की है। भारत में दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान के संदर्भ में बताते हुए लोहिया ने कहा कि पीसीसीआई ने 28 राज्यों में दिव्यांग क्रिकेट टीमों का गठन कर लिया है। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नियमित तौर पर दिव्यांग क्रिकेट स्पर्धाओं का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन ये सभी कार्य कुछ सामाजिक संवेदना से युक्त लोगों के सहयोग से किया जा रहा है। लेकिन दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान के लिए संसाधनों की उपलब्धता एक चमत्कारी बदलाव ला सकता है। संसाधन और सुविधाओं के उपलब्ध होने पर दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों को स्तरीय प्रशिक्षण देना संभव हो पाएगा। जिससे उनके हुनर का विकास संभव होगा और भारत में दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान की परिस्थितियां सृजित होंगी।
भारत में दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान के लिए बेहद समर्पित प्रयास करने वाले और वर्तमान में भारत में दिव्यांग क्रिकेट को एक स्तरीय स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले डिफरेंटली-एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव रविकांत चौहान ने भी नवनियुक्त आईसीसी चीफ जय शाह के हालिया बयान की भरपूर प्रशंसा करते हुए इसे एक बहुत ही शानदार संदेश बताया है। रविकांत चौहान मानते हैं कि एक दौर था जब भारत में दिव्यांग खिलाड़ियों को किसी स्पर्धा में भाग लेने आने जाने के लिए स्वयं के पैसे से टिकट खरीदना पड़ता था। स्वयं के पैसे से खेल कीट तक खरीदना पड़ता था। हालांकि कि डीसीसीआई, जो बीसीसीआई की सपोर्टेड बॉडी है, के प्रयासों से कुछ हद तक स्थिति में सुधार आया है। लेकिन दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान के लिए संसाधनों का अभाव एक बड़ी चुनौती आज भी है। ऐसे में आईसीसी चीफ जय शाह का बयान एक उत्साह का सृजन कर रहा है, एक सकारात्मक संदेश का प्रसार कर रहा है। उनका कहना है कि दिव्यांग क्रिकेट के लिए यदि संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध होती हैं तो दिव्यांग खिलाड़ी अपने हौंसले और प्रतिभा के दम पर निश्चित तौर पर सफलताएं अर्जित कर देश को बड़ी प्रतिष्ठा दिला सकते हैं।
नवनियुक्त आईसीसी चीफ जय शाह के दिव्यांग क्रिकेट के संबंध में बयान से काफी उम्मीदें जवां हो गई हैं। देखना है कि अपने कार्यकाल में दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान के संदर्भ में वे कितना सार्थक पहल प्रारंभ कर पाते हैं?
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