भरगामा. प्रखंड क्षेत्र के हरिपुरकला,विषहरिया,धनेश्वरी,वीरनगर पश्चिम,रघुनाथपुर दक्षिण,वीरनगर पूरब,खजुरी,सिरसिया हनुमानगंज,सिरसियाकला,रघुनाथपुर उत्तर,शंकरपुर,खुटहा बैजनाथपुर,जयनगर,सिमरबनी,मनुल्लाहपट्टी,आदिरामपुर,पैकपार,रघुनाथपुर उत्तर,कुसमौल ग्राम पंचायतों में बने पंचायत कार्यालय का ताला नियमित रूप से नहीं खुल रहा है.
ग्रामीण अपने कार्य के लिए इस कार्यालय में बैठे रहते हैं,लेकिन उनके काम नहीं होते हैं. पंचायत भवनों के अपनी मर्जी से खुलने एवं अपनी मर्जी से बंद होने से ग्रामीण काफी परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह पंचायत भवन आए दिन अधिकतर बंद हीं रहता है. जिसके कारण छोटे-छोटे कार्यों के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. कहने को तो हरेक पंचायतों में पंचायत भवन बना है,लेकिन यहां इस पंचायत कार्यालय में कोई कर्मी नहीं बैठते हैं.
उदाहरण के तौर पर बता दें कि ग्रामीणों की शिकायत पर 16 अक्टूबर बुधवार को 10 बजकर 50 मिनट पर जयनगर पंचायत कार्यालय,11 बजकर 11 मिनट पर रघुनाथपुर उत्तर पंचायत कार्यालय,12 बजकर 34 मिनट पर खजुरी पंचायत कार्यालय,2 बजकर 33 मिनट पर सिमरबनी पंचायत कार्यालय,3 बजकर 5 मिनट पर शंकरपुर पंचायत कार्यालय का जायजा लिया गया तो यह कार्यालय पूर्णरूपेण बंद पाया गया. इस कार्यालय को कार्य अवधि के दौरान बंद रहने की जानकारी के लिए संबंधित पंचायत सचिव से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि पंचायत सचिव का जिला में प्रशिक्षण चल रहा है,इसलिए वे कार्यालय से अनुपस्थित हैं.
जबकि पैकपार पंचायत कार्यालय में 12 बजकर 11 मिनट तक एवं धनेश्वरि पंचायत कार्यालय में 1 बजकर 10 मिनट तक और खुटहा बैजनाथपुर में 1 बजकर 52 मिनट तक सिर्फ कार्यपालक सहायक मौजूद थे. लेकिन यहां सिर्फ पंचायत सचिव और कार्यपालक सहायक को हीं नहीं बल्कि राजस्व कर्मचारी,तकनीकी सहायक,लेखापाल,विकास मित्र,कचहरी सचिव,किसान सलाहकार,पंचायत रोजगार सेवक,आवास सहायक स्वच्छता पर्यवेक्षक आदि को भी रोस्टर के अनुसार इस कार्यालय में ससमय बैठना अनिवार्य है,लेकिन उपरोक्त ये सभी कर्मी अपने कार्यालय में नियमित और समयानुसार नहीं बैठ रहे हैं. जिसके कारण स्थानीय ग्रामीणों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए इन कर्मियों से मुलाकात करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
बता दें कि इन कार्यालय को नियमित रूप से न खुलने के कारण इस कार्यालय सहित कार्यालय के आसपास कचरे का अंबार लगा हुआ है. इस कचरे व जंगल की साफ-सफाई के दिशा में भी कोई पहल नहीं किया जा रहा है. इस संबंध में अररिया डीएम अनिल कुमार से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच करवाकर लापरवाह कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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