बिहार न्यूज़ लाइव भागलपुर डेस्क: समय से विसर्जित नहीं हो सकी महारानी
प्रशासन कर रही लगातार मशक्कत
बड़ी दुर्गा महारानी के अंतिम विदाई को लेकर के शहर नहीं बगल के जिलों के भी अपार श्रद्धालुओं की भी भीड़ उभर पड़ी है वहीं, प्रशासन भी भीड़ को नियंत्रित करने में चौकस दिख रहे हैं.बताते चले की मां बड़ी दुर्गा महारानी की विसर्जन पूरे बिहार में एक मिसाल के रूप में है. इतिहास है की बड़ी दुर्गा महारानी के विसर्जन में शहर के श्रद्धालु माता एवं बहनों की भीड़ उभर पड़ते हैं.
इस बार लगातार माता रानी के ठट्टर में लगे बास टूटने से विसर्जन विलंब से हुई. वहीं विभिन्न सामाजिक संस्था द्वारा भीड़ में लोगों को सहयोग देने के लिए सेवा शिविर लगाई गई .विभिन्न स्थानों पर भंडारा का भी आयोजन किया गया. मां की महिमा अपरंपार को देखते हुए विभिन्न श्रद्धालु एक बार मां के ठट्टर को कंधा लगाने को इच्छुक हुए. जैसा कि मान्यता है मां बड़ी दुर्गा महारानी हर श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होती है इसी आघात विश्वास के कारण माता रानी के अंतिम दर्शन करने को श्रद्धालु मां की लगन में लगे हुए है.हालांकि इस बार भीड़ अत्यधिक देखने को मिल रहा है.विगत रात से ही कौड़ा मैदान से जो भीड़ उमड़ी है
वह माता रानी के विसर्जन तक भी काम नहीं हुई. कतार वध लाइन में प्रतिमा का विसर्जन पूरे बिहार में एक इतिहास है हालांकि इस बार माता रानी के विसर्जन में विलंब होने के कारण अन्य प्रतिमाओं को भी विसर्जन में काफी वक्त लगा है. दोपहर के दो बजे के लगभग माता रानी का आरती बड़ा महावीर स्थान में हुआ है. अखाड़ा में शामिल विभिन्न खिलाड़ियों ने माता रानी के सामने अपनी जलवा को भी दिखाए वही, प्रशासन द्वारा तैनात मजिस्ट्रेट भी ड्यूटी में तैनात दिखे. केंद्रीय प्रतिमा विसर्जन समिति के सदस्यों ने भी माता रानी के विसर्जन में बेहतर सहयोग प्रदान किया. माता विसर्जन के समय चांदी के मुकुट उतारने के बाद जो मुकुट धारण करती है
जिस श्रद्धालु के द्वारा यह मुकुट दिया जाता है बेकापुर के महादेव पोद्दार बताते हैं की माता रानी के दर्शन को इस साल अत्यधिक भीड़ उमड़ी है. मेला में लगाए गए विभिन्न दुकानों का भी माता रानी ने उद्धार कर दिया दुकानदारों ने बताया कि उनके दुकान में खाद्य सामग्री समाप्त हो गया है. जगह-जगह पर प्रशासन द्वारा लगाए गए सीसीटीवी के माध्यम से भीड़ नियंत्रित होते दिखे.
Comments are closed.