बिहार न्यूज़ लाईव / सारण डेस्क: छपरा सदर : छात्र संगठन आईसा के सदस्यों द्वारा जारी भूख हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गई। लेकिन अपनी मांगों को लेकर संग़ठन सदस्य 17 जुलाई को राजभवन का घेराव करेंगे उक्त बातो की जानकारी देते हुए जिला सचिव दीपांकर मिश्रा ने बताया कि । संगठन सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि यदि सरकार एन ई पी 2020, एफयुवाईपी वापस नहीं लेती है तो 17जुलाई को राजभवन का घेराव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेपीयू के डीएसडब्ल्यू प्रभारी प्रोफेसर सरफराज अहमद और चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर विश्वमित्र पांडेय व माले जिला सचिव सभा राय द्वारा जूस पिलाकर भूख हड़ताल तुरवाया गया।
4 जुलाई से चल रहे भूख हड़ताल का दूसरे दिन समाप्त हो गया। भूख हड़ताल के सहारे आइसा कार्यकर्ताओं ने सरकार के द्वारा शिक्षक बहाली में हटाए गए डोमिसाइल नीति का विरोध करते हुए इसे फिर से जल्द से जल्द लागू करने की बात कही।
जिला सचिव दीपांकर मिश्रा ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द डोमिसाइल नीति को लागू करें साथ ही कहा कि केंद्र सरकार के नई शिक्षा नीति गरीबों को कैंपस से बाहर करने और शिक्षा के भगवाकरण की नीति है। केंद्र सरकार इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर तोड़ मरोड़ कर परोस रही है साथ ही डार्विन सिद्धांत जैसे महत्वपूर्ण चैप्टर को हटाया गया है।
आइसा नेत्री रीता कुमारी ने कहा कि शिक्षक नियमावली में सुधार की जाए डोमिसाइल नीति को लागू किया जाए और साथ ही संगीत की बहाली प्रक्रिया में संगीत से एस टी ई टी का एग्जाम लिया जाए तब जाकर बीपीएससी के तहत परीक्षा हो । नहीं तो संगीत अभ्यार्थी को डायरेक्ट बीपीएससी में बैठने का मौका दिया जाए और साथ ही कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए भी बहाली प्रक्रिया दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक बहाली प्रक्रिया में बाहर के अभ्यर्थियों को शामिल करने की नीति बिहार के अभ्यार्थियों को इस के लिए योग्य ना समझे जाने के बराबर है।
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