अररिया: रिश्तेदारी के बहाने वोटरों को रिझाने की कोशिश,पकड़ में नहीं आ रहा मतदाता,टेंशन में उम्मीदवार
Bihar News Live Desk: रिश्तेदारी के बहाने वोटरों को रिझाने की कोशिश,पकड़ में नहीं आ रहा मतदाता,टेंशन में उम्मीदवार
भरगामा. लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान अब तेज हो चुका है. इस बार मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशी और उनके समर्थकों को परेशान कर रही है. ऐसे में मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में प्रत्याशी और उनके समर्थक जुट गए हैं. जदयू के प्रखंड अध्यक्ष नवीन कुमार श्रीवास्तव,प्रखंड प्रवक्ता संजय मिश्रा,महासचिव मिथलेश कुमार,नोरेज आलम,नटवर ठाकुर,राजेन्द्र मंडल,रानी देवी,संजय मुंडा,नन्दमोहन झा,रमेश मिश्र,मिथलेश मंडल,दीपक मंडल आदि लगातार अपनी जाति व रिश्तेदारी में अपने पार्टी के पक्ष में वोट डालने की बात कहकर घूम रहे हैं. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने भी इस क्षेत्र में दो दिनों तक घूमकर प्रचार किया. इधर राजद के पूर्व विधायक अनिल यादव भी मतदाताओं को राजद के पक्ष में वोट करने के लिए लगातार लोगों के बीच जा रहे हैं. इसके अलावा वर्तमान विधायक जयप्रकाश यादव भी मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में वोट करवाने के लिए लगे हुए हैं.
रिश्तेदारों के जरिए वोटरों के पास पहुंचने की कोशिश
मालूम हो कि अररिया लोकसभा में राजद और भाजपा के प्रत्याशी के बीच मुकाबला है. ऐसे में दोनों प्रत्याशी और उनके समर्थक वोटरों को साधने के लिए रिश्तेदारों के बहाने उनके घर पहुंच कर अपने पक्ष में मतदान करने को लेकर रिझाने में जुट गए हैं. प्रचार अभियान के दौरान जाति का विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
जिस जाति के लोग वहां उस जाति के नेताओं को भेजा जा रहा
जिस जाति के लोग जिस गांव में अधिक है वहां उस जाति के नेताओं को भेजा जा रहा है. जनसंपर्क के दौरान नेताजी के कार्यकर्ता मतदाताओं को पूरी तरह से भरोसे में लेने की पूरी कोशिश करते हैं. लेकिन मतदाता भी इस नेताओं को आश्वासन देने में पीछे नहीं हट रहे हैं. हालांकि जनसंपर्क कर लौटने पर राजद और भाजपा के कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी को माहौल अपने पक्ष करने का पूरा आश्वासन देने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं.
रिश्तेदारों के समक्ष भी नहीं दिख रहे उत्साह
इस बार के चुनाव में वोटरों ने चुप्पी की चादर ओढ़ ली है. जनसंपर्क के लिए जाने वाले नेताओं को भी यह समझ में नहीं आ रहा है कि इसकी वजह क्या है. एनडीए गठबंधन और राजद के नेताओं ने नाम नहीं छपाने के शर्त पर बताया कि मतदाताओं में कोई खास उत्साह नहीं दिख रहा है. वोट देने के नाम पर हामी तो भर रहें हैं. लेकिन प्रचार के लिए कोई दिलचस्पी भी नहीं दिखा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अपने रिश्तेदार के यहां जाकर गांव में महौल बनाने में मदद करने को कहा. लेकिन रिश्तेदारों ने कहा वोट देंगे लेकिन चुनाव प्रचार से हम लोगों को अलग रखिये. जबकि पूर्व के चुनावों में यह स्थिति नहीं थी. ऐसे में प्रचार में जाने वाले नेताजी भी सशंक्ति नजर आ रहे हैं.
चुनाव के बाद क्षेत्र से कटना एक बड़ी वजह
लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रसार के दौरान वोटरों में कोई उत्साह नहीं होने की मुख्य वजह पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव जीतने के बाद सांसद विधायक का क्षेत्र से कटना मान रहे हैं. यही वजह है कि इस बार चुनाव में प्रचार में रिश्तेदारों का इस्तेमाल कर माहौल बनाने वाले राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को अभी तक मायूसी मिल रही है.
अररिया लोकसभा के नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मतदाताओं ने बताया कि वोट किसको देना है यह पहले हीं तय हो चुका है. अब अपना काम काज छोड़कर बेवजह हीं नेताओं के पीछे जाने का जमाना बदल गया है. नेताओं के पीछे जाने से बेहतर अपने काम काज को बढ़ाने का समय है. उनलोगों ने बताया कि वोट देने जरूर जाएंगे.
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