प्रतिनिधि,भरगामा/अररिया
फसलों के दुश्मन नीलगायों ने भरगामा प्रखंड क्षेत्र के कई गावों में फसलों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहा है. इसका आतंक इतना बढ़ गया है कि किसानों का कमर तोड़ कर रख दिया है. फसल चरने के अलावा उसे रौंदकर तहस-नहस कर दे रहा है. झुंड के झुंड खेतों में विचरण कर रहे इन जंगली जानवरों से किसानों के सामने बचाव के कोई उपाय नजर नहीं आ रहे हैं. लहलहाती फसलों की नुकसान को देख किसान बेचैन हो उठे हैं. बता दें कि भरगामा प्रखंड क्षेत्र के शंकरपुर,शेखपुरा,जयनगर,धनगड़ा गांव के किसान नीलगाय के आतंक से परेशान हैं.
चारों तरफ फैले ये जंगली जानवर किसानों के सैकड़ों एकड़ खेत में लगी मकई,गेहूं समेत अन्य फसलों को चबा चुके हैं. किसानों का कहना है कि अब तो इनकी गतिविधियां प्रखंड के अमूमन सभी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. खेतों में लहलहाती फसल को देख एक तरफ किसान अपने को ख़ुशी से फूले नही समा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नीलगायों का कहर खेतो में लहलहाती फसलों को बर्बाद करने पर कटिबद्ध है.
मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्रो में रबी,दलहन तेलहन व सब्जी की खेती होती है. वहीं अच्छी पैदावार की उम्मदी लगाए किसानों के अरमानों पर नीलगायों के आतंक से अच्छी उपज की आस लगाए किसानों के सपना पर पानी फिरता नजर आ रहा है. किसान अनिल सिंह,सरोज सिंह,बाबूल सिंह,युवराज यादव,संजीव यादव,सरोज सिंह,रमेश भारती,बबलू सिंह,आशीष सोलंकी आदि का कहना है कि वर्तमान समय में किसानों का सबसे अधिक नुकसान नीलगाय से हो रहा है.
जैसे हीं फसल का लहलाहना शुरू हुआ है वैसे हीं लगातार झुंड की झुंड नीलगाय खेतों में घूमती नजर आने लगी हैं और कई एकड़ में लगी फसलों को पल भर में चट कर जाती हैं. उन्होंने बताया कि लहलहाती फसलों को नीलगाय पलक झपकते हीं रौंदकर और खाकर बर्बाद कर देता है और बेवस किसान अपनी महीनों की मेहनत और पूंजी को लूटने का तमाशा देखते रह जाते हैं. इस बाबत डीएफओ संजीव रंजन से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि ढेर वर्ष पूर्व हीं पंचायत के मुखिया को पावर दे दी गई है,कि वे शूटर बुलाकर उसे मरवा सकता है.
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