बिहार न्यूज़ लाईव / डेस्क: वरीय संवाददाता अंकित सिंह /:भरगामा। अपनी कालजयी रचनाओं से जन-गण में ऊर्जा का संचार करने वाले सौंदर्य और पुरुषार्थ के कवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती समारोह पूर्वक रेणु साहित्य परिसर में मनाई गई। अध्यक्षता अजय अकेला ने की। कार्यक्रम का आगाज राष्ट्रकवि दिनकर के तेल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के पश्चात सामूहिक दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। मौके पर पूर्व जिला पार्षद सत्यनारायण यादव ने दिनकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर रोशनी डालते हुए कहा कि दिनकर का संपूर्ण काव्य मानवतावाद एवं मानवीय चेतनाओं से भरा है,और साहित्य संसार भारतीय दर्शन से ओत-प्रोत है।
चंद्रानंदन झा चाणक्य ने बताया दिनकर विलक्षण निबंधकार और गद्य साहित्य के रचनाकार भी थे। उन्होंने संस्कृति के चार अध्याय में कहा है-परिवर्तन जब धीरे-धीरे आता है तब,सुधार कहलाता है किंतु वही जब तीव्र वेग से पहुंच जाता है,तब उसे क्रांति कहते हैं। अजय अकेला ने अपने संबोधन में राष्ट्रकवि दिनकर को बहुआयामी प्रतिभा का धनी बताया और दिनकर ने अपनी कालजयी रचनाओं से राष्ट्रीय चेतना को स्वर देने में अग्रसर रहा।
स्वतंत्रता संग्राम में पहले वे एक विद्रोही कवि थे,और बाद में उन्हें राष्ट्रकवि का दर्जा प्राप्त हुआ। “कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली,दिल की नहीं दिमाग में भी आग लगाने वाली”कार्यक्रम में रेणु कोचिंग के छात्र-छात्राओं के अलावे वासुदेव ठाकुर,संत योगानंद दास,सदानंद दास,महेंद्र मंडल,प्रधानाचार्य विद्यानंद यादव,मुरली यादव,सदानंद मेहता,ललन पासवान आदि ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
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