संवाददाता/रंजीत कुमार सिंह
वाराणसी|एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना के तहत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से संकल्पित काशी तमिल संगमम का स्वरूप श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थित शंकराचार्य चौक में निखर कर सामने आया। इस आयोजन में कांची पुरम से आए कलाकारों ने “नमन विश्वनाथम” नृत्यार्पण का आयोजन किया, जो भारतीय संस्कृति और श्रद्धा का एक अद्भुत उदाहरण था।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री विश्व भूषण, विशेष कार्याधिकारी श्री उमेश सिंह जी और कांची क्षेत्र कला मंदिर की निदेशिका श्रीमती मीना वज्रवेल द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन से किया गया। इसके बाद कांची क्षेत्रीय कला मंदिर की कलाकारों ने भरतनाट्यम नृत्य की भक्ति-पूर्ण प्रस्तुति दी, जिसमें युवा और तरुणी नृत्यांगनाओं ने अपने उत्कृष्ट नृत्य से सभी को भक्ति भाव से विभोर कर दिया।
प्रस्तुति का निर्देशन श्रीमती मीना वज्रवेल ने किया, जबकि मार्गदर्शन श्री वज्रवेल आरमुगम और श्री धर्मेंद्र का रहा। इस आयोजन का संयोजन भाव प्रभा पद्म संस्थान, वाराणसी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रतिभागी नर्तकियों में सुश्री बी संजना, आर अश्वना, एम स्वास्तिका, डी रितिका, एम सुदर्शना, डी नक्षत्रा, एस पूजा, एस वर्षा, अमृता कीर्तिका और सुश्री हमृता शामिल थीं।
नृत्य की शुरुआत श्री गणेश को अर्पित पुष्पांजलि से हुई, इसके उपरांत शिव वंदना की अभिव्यक्ति भरतनाट्यम के माध्यम से प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में शिव तांडव की ओजपूर्ण प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद देवी त्रिपुरा सुंदरी को समर्पित भावप्रवण नृत्य हुआ, जिसमें कलाकारों ने अपनी कला का अद्भुत प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का समापन श्री काशी विश्वनाथ की महिमा पर आधारित भजन “बोल थे जगदीशा” के साथ हुआ। इस आयोजन में सहयोग प्रदान करने वालों में श्री पीयूष आचार्य और पुरुषोत्तम चतुर्वेदी शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रीतेश आचार्य ने किया।
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