बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: छपरा. विश्व वन्यजीव सप्ताह समारोह के क्रम में शुक्रवार को सारण वन प्रमंडल के तत्वाधान में सोनपु में डॉल्फिन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया.
यह रैली सोनपुर पौधशाला से निकल डाकबंगला रोड, रेलवे स्टेशन, रजिस्ट्री बाजार, अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय होते सोनपुर पौधशाला पहुंच संपन्न हो गई.
. केंद्रीय विद्यालय सोनपुर के छात्र, जन शिक्षण संस्थान सोनपुर के प्रशिक्षु, स्वयंसेवक, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी नमामि गंगे, दिघवारा रेंज के वनपाल और वन रक्षकों ने “गंगा बचाओ डॉल्फिन बचाओ”, “गंगा डॉल्फिन सोनपुर का गौरव है” जैसे नारों के साथ रैली में भाग लिया. जागरुकता रैली में गंगा डॉल्फ़िन के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए स्थानीय 25 मछुआरों को भी आमंत्रित किया गया.
कार्यक्रम में वन प्रमंडल पदाधिकारी रामसुंदर ने कहा कि गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के लिए मछुआरों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक अनुसूचित संरक्षित प्रजाति है. डॉल्फिन का शिकार गैर-जमानती दंडनीय अपराध है.
उन्होंने मछुआरों से यह भी अनुरोध किया कि यदि कोई डॉल्फिन संकट में पाई जाती है या अनजाने में मछली पकड़ने के जाल में फंस जाती हैं तो उसके बचाव और सुरक्षित रिहाई के लिए वन विभाग को सूचना दी जानी चाहिए.
वन क्षेत्र पदाधिकारी सुषमा कुमारी ने डॉल्फिन के बारे में जानकारी देते हुए मछुआरों को बताया कि वे मछली पकड़ने के लिए जहर देने या करंट का उपयोग करने से बचें क्योंकि इससे डॉल्फिन मर जाती है. यह वन्यजीव अपराध के तहत दंडनीय है. मछुआरों और स्कूली बच्चों ने डॉल्फिन के संरक्षण का संकल्प लिया.
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने मछुआरों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया.
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के नामित प्रतिनिधि डॉ. आशुतोष कुमार ने कार्यक्रम में भाग लिया और मछुआरों से डॉल्फिन को बचाने के लिए अनुरोध किया. उसके बाद डीएफओ सारण ने जन शिक्षण संस्थान सोनपुर का भी दौरा किया और प्रशिक्षुओं के साथ वन्यजीव संरक्षण और डॉल्फिन के महत्व पर चर्चा की.
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के निदेशक, प्रशिक्षक भी मौजूद रहे.
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