बिहार न्यूज़ लाइव अररिया डेस्क वरीय संवाददाता अंकित सिंह। अररिया। जिले के जिला पंचायती राज पदाधिकारी धनंजय कुमार ने 2 जनवरी मंगलवार को कहा कि जिले के भरगामा प्रखंड के कई पंचायतों में पंचायत सरकार भवन में व पंचायत भवन में कर्मी नही बैठ रहे हैं। लगातार इसकी शिकायत मिल रही है। वहां आरटीपीएस काउंटर भी बंद रह रहा है। यह बहुत गंभीर मामला है।
उन्होंने ये भी कहा कि बिना कोई सूचना के गायब रहने वाले कर्मियों को बार-बार चेतावनी दी जा रही है। फिर भी इन लापरवाह कर्मियों में सुधार नहीं देखा जा रहा है। अब बिना कोई सूचना के कार्यालय अवधि के समय कार्यालय से गायब रहने वाले कर्मियों पर कार्रवाई हीं की जाएगी। बता दें कि भरगामा प्रखंड में कुल 20 पंचायत है। जिसमें मानुल्लाहपट्टी,खुटहा बैजनाथपुर एवं शंकरपुर पंचायत में कई वर्षों पूर्व हीं पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार हो गया है। लेकिन फिलहाल इस भवन में कार्यालय अवधि के समय भी आपको कोई कर्मी या फिर कोई जरूरतमंद लोग यहां देखने को नहीं मिलेगा। ऐसा स्थानीय ग्रामीणों का कहना है।
बताया जाता है,कि ग्रामीणों द्वारा लगातार पंचायत सरकार भवन व पंचायत भवन बंद रहने का शिकायत अधिकारियों से किया जाता है। लेकिन,प्रशासनिक अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण यह व्यवस्था आज तक सही तरह से लागू नहीं हो पा रही है। शायद यही कारण है,कि प्रखंड के सभी पंचायतों में आरटीपीएस भी पूरी तरह से बंद रहता है। बता दें कि ग्रामीणों की शिकायत पर जब हमारी टीमों ने 2 जनवरी मंगलवार को 03 बजकर 38 मिनट पर मानुल्लाहपट्टी पंचायत सरकार भवन का जायजा लेने पहुंचा तो कार्यालय का मुख्य दरबाजा में हीं बड़ा ताला लटका हुआ मिला। वहीं बगल में बने आरटीपीएस कार्यालय भी बंद पाया गया।
बता दें कि लोगों का कहना है,कि वैसे तो मानुल्लाहपट्टी,खुटहा बैजनाथपुर एवं शंकरपुर पंचायत में पंचायत सरकार भवन बना दिया गया है,लेकिन लगभग सभी पंचायतों में पंचायत भवन भी बनाया गया है,परंतु सभी पंचायत सरकार भवन व पंचायत भवन शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। वहां सरकार के निर्देशानुसार एक भी काम नहीं किए जाते हैं।
सभी पंचायत सरकार भवन में और सभी पंचायत भवन में दिनभर ताला हीं लगा रहता है और गांव के लोगों को पंचायत सरकार भवन व पंचायत भवन छोड़कर प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। आखिरकार ऐसा क्यों? यह है सैकड़ो ग्रामीणों का सवाल। लेकिन अब देखना दिलचस्प होगा कि जिला पंचायती राज पदाधिकारी का इस कड़े एक्शन पर कितने अधिकारियों एवं कर्मियों में सुधार हो पाता है। यह तो समय हीं बताएगा।