सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों के संघठन सारण सहोदया की नई कार्यकारिणी का गठन, डॉक्टर विकास कुमार सिंह अध्यक्ष, डॉक्टर प्रियंका पायल सचिव चुनी गयी, शिक्षा के विकास में उठाया नया कदम
सारण सहोदया की नई कार्यकारिणी का गठन, शिक्षा के विकास में उठाया नया कदम
सिवान के होटल सफ़ायर में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संगठन सहोदया के अंतर्गत सारण सहोदया की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। इस अवसर पर छपरा, सिवान और गोपालगंज के करीब पचास से अधिक सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालयों ने अपनी सहभागिता दी।
नवगठित कार्यकारिणी में डॉ. विकाश कुमार सिंह को अध्यक्ष, डॉ प्रियंका पायल को सचिव, और श्री विकास कुमार सिंह को कोषाध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया।
नवनिर्वाचित सदस्यों ने अपने अभिभाषण में कहा कि सहोदया सीबीएसई का ऐसा संगठन है जो नयी शिक्षा नीति के अनुसार शैक्षणिक गतिविधियों, प्रशिक्षण, और विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर रहता है। इसी उद्देश्य को गति देने के लिए नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सारण प्रमंडल के विद्यालयों के सम्पूर्ण विकास और सीबीएसई से संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से चलाना है।
सारण सहोदया मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों का एक मंच है जो शिक्षा के विकास और उत्कृष्टता के लिए सभी स्कूलों को अपने अनुभव और विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करता है। इससे छात्र-छात्राओं के बहुमुखी विकास के लिए पाठ्यक्रम, मूल्यांकन, अध्यापन कला, और प्रतियोगी परीक्षाओं पर प्रगतिशील दृष्टिकोण वाली चर्चा होती है।
कार्यकारिणी को विस्तार देते हुए श्री नरेन्द्र देव मिश्रा को उपाध्यक्ष चुना गया। वहीं तीनों ज़िला में कार्यों को गति देने के लिए छपरा से डॉ. अमरेन्द्र कुमार सिंह को संयुक्त सचिव और श्री एसके बर्मन को कॉर्डिनेटर चुना गया। सिवान से श्री ज्ञानेन्द्र श्रीवास्तव को संयुक्त सचिव और को कॉर्डिनेटर के लिए जबकि गोपालगंज से राजेश कुमार सिंह संयुक्त सचिव और जितेंद्र कुमार कॉर्डिनेटर के पद पर सदस्यों का चयन किया गया ।
सारण सहोदया के पूर्व कार्यकारिणी सदस्यों में से श्री सगीर आलम, श्री विनोद कुमार सिंह, नबोनीता घोष, और श्री नूर आलम को सारण सहोदया का संरक्षक मनोनीत किया गया।
नवगठित कार्यकारिणी से उम्मीद की जा रही है कि यह संगठन अपने उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा करेगा और शिक्षा के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित करेगा।
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