छपरा सदर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती सोमवार को काफी धूमधाम के साथ मनाई गई । जयंती समारोह की अध्यक्षता मानविकी विभाग के संकायाध्यक्ष प्रो डॉ समी अहमद ने किया । अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. अहमद ने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर सिर्फ राष्ट्रकवि ही नहीं थे बल्कि वे विश्व कवि थे। वही संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ वैद्यनाथ मिश्र ने दिनकर जयंती के अवसर पर बोलते हुए कहा कि दिनकर जी संस्कृत पढ़ते थे बाद में उन्होंने इतिहास को अपनाया । श्री मिश्रा ने राष्ट्रकवि को याद करते हुए उनको संस्कृत से जोड़े तथा राष्ट्रकवि की काव्य रचनाओं एवं साहित्य से जुड़े कई प्रसंगों को रेखांकित किए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रो डॉ हरिश्चंद्र ने भी दिनकर की कई कविताओं को सुनाया । प्रोफेसर अजय कुमार ने कहा कि दिनकर जी की पंक्तियां लोगों के जुबान पर छा गया था । इन्होंने कविताएं लिखनी भी शुरू की थी उन्होंने दो कविताएं उर्वशी एवं रसवंती लिखा। दिनकर जी साहित्य के माध्यम से समाज व राष्ट्र के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान रहा है।
वही हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रामनरेश राय ने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर बिहार के गौरव थे । वह अपनी लेखनी से राष्ट्र के निर्माण में योगदान दिए है।। हिंदी के प्रकांड विद्वान थे तथा राष्ट्रीय भावना के कारण काफी लोकप्रिय हुए यही कारण है कि दिनकर जी आज भी प्रासंगिक हैं।
एम ए की छात्रा अंरिता कुमारी एवं उर्दू विषय के शोधार्थी मो इफ्तेखार अहमद, मो० रिजवान आदि ने दिनकर जी के काव्य पाठ को सुनाते हुए दिनकर जी को राष्ट्रकवि बताया तथा कहा कि इनकी लेखनी एक प्रेरणादायक है।
इस मौके पर दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो रामनाथ प्रसाद ,मो मजरुहुल हक , शान्ति कुमारी सहित कई अन्य शोधार्थी उपस्थित थे।धन्यवाद ज्ञापन डॉ विद्या भूषण श्रीवास्तव ने किया।