छपरा: मानसून सत्र में बिहार विधानसभा घेराव के आह्वान के साथ संयुक्त छात्र संगठनों ने किया अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म
Bihar News Live Desk : *मानसून सत्र में बिहार विधानसभा घेराव के आह्वान के साथ संयुक्त छात्र संगठनों ने किया अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म*
*विधायक सत्येंद्र यादव ने जूस पिलाकर छात्र नेताओं का भूख हड़ताल समाप्त कराया*
*विधानसभा मानसून सत्र में छात्रों के सवालों को रखने क़े विश्वास में लेकर तुड़वाया अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल*
*भूख हड़ताल समाप्त कराने के लिए माले नेता विजेंद्र मिश्र व अनुज दास भी थे उपस्थित*
छपरा सदर। रविवार को छात्र संगठनों एआएसएफ़-आइसा-एसएफआई द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे हैं अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को समाप्त करने के लिए मांझी से सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव ने छात्रों के धरना स्थल पर पहुंच इस माह चलने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में छात्रों के सवालों को रखने को विश्वास में लेकर जूस पिलाकर भूख हड़ताल को समाप्त कराया और कहा की सरकार छात्र नौजवानों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है लेकिन हम इस लड़ाई को सड़क से सदन तक जारी रखेंगे। भाजपा ने अब पूरी तरह से शैक्षणिक बाजारीकरण में संघी मानसिकता के लोगों को भर दिया है जो की देश की भविष्य के लिए खतरा है हमारी पूरी कोशिश रहेगी यू जी से पी जी तक वैज्ञानिक चेतना युक्त शिक्षा को मुफ्त करने की लड़ाई को तेज करना और शैक्षणिक बजारीकरण को भारत से जड़ से खत्म करना।
भूख हड़ताल पर बैठे वामपंथी छात्र संगठनों ने संयुक्त रूप से कहा कि प्रशासन हमारी बात को नहीं सुन रही है अभी तक सरकार के तरफ से कोई सुनावाई नहीं की जा रही है। विधायक सत्येंद्र यादव के बिहार विधानसभा में हमारी बात को मजबूती से रखने के विश्वास के साथ भूख हड़ताल को तत्काल स्थगित कर रहे है।
हम सभी एन टी ए को खत्म करने, शैक्षणिक बाजारीकरण समाप्त करने, जयप्रकाश विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर हो रहे शैक्षणिक अराजकता एवं भ्रष्टाचार खत्म करने, बिहार आरक्षण को 9वी अनुसूची में शामिल कराने, अग्निवीर योजना व एन ए पी 2020 समाप्त कराने, भ्रष्टाचारी प्रदीप जोशी पर उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई करने एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग के साथ इस माह होने वाले मानसून सत्र में बिहार विधानसभा को घेरेंगे।
आगे हम सब इसी पखवाड़े छात्रों के इन सवालों को लेकर बिहार विधानसभा घेराव भी करेंगे। हमारी मांगों को पूरी नहीं की गई तो राजभवन, केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करने को बाध्य होंगे। राहुल कुमार यादव, दीपंकर कुमार, कुणाल कौशिक, शिवानी कुमारी, पिंकी कुमारी, लखन कुमार, रमेश कुमार, सोनू कुमार, विकाश कुमार, हिमांशु कुमार, आदित्य कुमार, अरविंद कुमार, देवेंद्र कुमार, गौरव कुमार, दीपक राज, चिंकी कुमारी, अंजली कुमारी आदि थे
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