भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व की सभी परंपराओं में सबसे श्रेष्ठ : कुलपति
छपरा । बुधवार को जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परमेंद्र कुमार बाजपेई के द्वारा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली एवं नालंदा विश्वविद्यालय, नालंदा के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित होने जा रहे ‘नालंदा ज्ञानकुंभ-2024’ के पोस्टर का लोकार्पण किया गया।
बताते चले कि ‘विकसित भारत@2047 : भारतीय ज्ञान परंपरा’ विषय पर आधारित यह ज्ञानकुंभ बिहार के ऐतिहासिक महत्त्व की धरती राजगीर में 16 से 18 नवंबर तक आयोजित होगी।पोस्टर का लोकार्पण करते हुए कुलपति ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व की सभी परंपराओं में सबसे श्रेष्ठ, सुदृढ़ और सुदीर्घ ज्ञान परंपरा है। इसके अंतर्गत ज्ञान-विज्ञान के सूक्ष्म से सूक्ष्म और व्यापक से व्यापक सभी विषयों का अद्भुत समाहार है। वास्तव में इसके अवलंबन से ही देश और दुनिया का समग्र विकास संभव है।
इसलिए ‘नालंदा ज्ञानकुंभ’ का आयोजन बहुत महत्त्वपूर्ण है और जय प्रकाश विश्वविद्यालय की तरफ से इसकी सफलता की शुभकामना है। उनके बाद न्यास के प्रतिनिधिस्वरूप राम जयपाल महाविद्यालय, छपरा के हिंदी प्राध्यापक प्रो. नागेन्द्र कुमार शर्मा ने विस्तार से बताया कि ज्ञानकुंभ शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा विगत वर्षों में आयोजित ज्ञानोत्सव-शृंखला की अगली कड़ी है।
इस वर्ष देशभर में यह चार स्थानों पर आयोजित हो रहा है ,जिसमें एक नालंदा ज्ञानकुंभ है। इसमें बिहार-झारखंड सहित पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत के करीब एक हजार शिक्षार्थी, शोधार्थी, शिक्षक और शिक्षाविद् सहभागिता करेंगे। आयोजन का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में भारतीय ज्ञान परंपरा के आलोक में ‘विकसित भारत@2047’ के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु विचार-विमर्श करना है।
प्रतियोगिता, प्रदर्शनी और परिसंवाद इस आयोजन के मुख्य आकर्षण होंगे। कुलसचिव प्रो. नारायण दास ने कहा कि जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा नालंदा ज्ञानकुंभ के महत्त्व के मद्देनजर हर रूप में ज्यादा से ज्यादा सहभागिता हेतु तत्पर रहेगा। इस अवसर पर डॉ अशोक कुमार मिश्र, सुधांशु मिश्र., प्रो. सुधीर कुमार सिंह, डा. धर्मेंद्र कुमार आदि अनेक पदाधिकारी एवं प्राध्यापक उपस्थित थे। लोकार्पण कार्यक्रम के अंत में सबने परस्पर एक-दूसरे को दुर्गापूजा की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
Comments are closed.