• लक्षण वाले व्यक्तियों की हुई स्क्रीनिंग
•टीबी से बचाव के लिए जन-जागरूकता जरूरी
•सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मनाया गया निक्षय दिवस
बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क: छपरा,16जून। टीबी उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। आम जनों को टीबी के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रत्येक माह 16 तारीख को जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर निक्षय दिवस का आयोजन किया जाता है।
निक्षय दिवस के मौके पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लोगों को टीबी से बचाव की जानकारी दी जाती तथा टीबी की स्क्रीनिंग की जाती है। टीबी के लक्षण पाए जाने वाले व्यक्तियों का सैंपल कलेक्शन भी स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा किया गया। सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि निक्षय दिवस के आयोजन का उद्देश्य क्षय रोग के बारे में जन-जागरूकता और मॉनिटरिंग बढ़ाना है। जिससे क्षय रोगियों की पहचान और उपचार जल्दी हो सके। उन्होंने कहा दरअसल पल्मोनरी टीबी एक संक्रामक रोग है और पहचान में देरी होने से उपचार शुरू होने तक रोगी अपने संपर्क में आने वाले कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए संक्रमण का चक्र तोड़ना जरूरी है। साफ-सफाई व और छह महीने तक प्रतिदिन दवा खाने से रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है।
क्षय रोग की जांच और उपचार :
विभाग की ओर से क्षय रोग की जांच और उपचार का प्रावधान निःशुल्क है। निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार जारी रहने तक सरकार की ओर से हर रोगी के बैंक खाते में प्रतिमाह पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाता है। भले ही क्षय रोगी का उपचार किसी निजी चिकित्सालय में चल रहा हो। यह राशि क्षय रोगी को बेहतर पोषण के लिए दी जाती है। इसके लिए नोटिफिकेशन जरूरी है।
टीबी मरीजों की जल्द पहचान करना जरूरी:
सीडीओ डॉ रत्नेशवर प्रसाद सिंह ने कहा कि टीबी एक संक्रामक रोग है और इसकी पहचान में देरी होने से उपचार शुरू होने तक रोगी अपने संपर्क में आने वाले 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
इसलिए टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए संक्रमण का चक्र तोडऩा जरूरी है। उन्होंने जनता से अपील की है कि अगर किसी को टीबी के लक्षण नजर आएं तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच अवश्य कराएं। सजगता से परिवार के अन्य सदस्य संक्रमण से बच सकते हैं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ अपने-अपने क्षेत्र में रोगियों की स्क्रीनिंग कर उन्हें बीमारी के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही आशा व एएनएम घर-घर जाकर संभावित टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कर रही हैं। क्षेत्र में पोस्टर, पंपलेट बैनर आदि से प्रचार-प्रसार जागरूक किया जा रहा है।
क्या है लक्षण:
जैसे दो हफ्ते से अधिक खांसी हो, खांसी के साथ बलगम का आना, बुखार विशेष रूप से शाम को बढ़ना एवं अन्य लक्षण वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द एवं बलगम के साथ खून आना टीबी का मुख्य लक्षण है। टीबी की रोकथाम के लिए खांसते- छींकते वक्त मुंह पर रुमाल या साफ कपड़ा अवश्य रखें।इधर-उधर न थूंके। ढक्कनदार डिब्बे में इकठ्ठा करें।
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