बिहार न्यूज़ लाईव हाजीपुर डेस्क:_डॉ० संजय (हाजीपुर)-सदियों से चली आ रही परंपरा के क्रम में श्री अनन्त भगवान की पूजा-अर्चना वैशाली जिले में श्रद्धा-भक्ति पूर्वक की गई। चूंकि पौराणिक मान्यताओं के आधार पर श्री अनन्त चतुर्दशी व्रत का महात्म्य रहा है।
इस दिवस पर श्रद्धालुगण भक्ति- भाव से श्री अनन्त पूजनोत्सव के निमित्त व्रत भी करते हैं । स्थानीय हाजीपुर रेलवे जंक्शन परिसर स्थित शिव मंदिर में प्रातः काल से ही बच्चे,युवा,महिला,पुरूष श्रद्धालुगण की भीड़ देखी गई।सभी श्रद्धालुओं के हाथ में रंगीन कपड़े से ढके थाल में चौदह गाँठ वाला विभिन्न रंगों में धागा (अनन्त) तथा ऋतुफल- खीरा,केला, सेव, अमरूद, सहित हलवा के मिष्ठान भी देखे गये।इस क्रम में सभी श्रद्धालुगण शिव मंदिर मंदिर के पंडित अशोक बाबा के द्वारा श्री अनन्त चतुर्दशी व्रत के महात्म्य की कथा वाचन तन्मयता के साथ श्रवण करते दिखे।
पंडित ने कथावाचन के उपरान्त उपस्थित यजमान के हाथ में खीरा और चौदह गाँठ वाले धागा (अनन्त) देकर दूध से से बने पंचामृत में मथने के लिए-क्या मथते हैं कहा ? यजमान के उत्तर थे -क्षीर समुन्दर । पंडित ने यजमान से कहा- क्या श्री अनन्त भगवान मिले ? यजमान के उत्तर थे – दो बार में ‘नहीं’तथा तीसरी बार में ‘हां ‘ थे। फिर पंडित यजमान से बोले- माथे लगाइये। इस पूजनोत्सव के बाद श्री अनन्त भगवान की आरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया। विशेष बात है कि इस पूजनोत्सव में पंचामृत और खीरा प्रसाद के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है ।
इसलिए उपस्थित सभी यजमान (श्रद्धालुगण) पंचामृत प्रसाद ग्रहण करने के साथ-साथ ऋतु फल ग्रहण करते नजर आये। इसके बाद उपस्थित सभी यजमान (श्रद्धालुओं) ने अपने-अपने बाॅंह में पुरूष दाहिने बाॅंह में तथा महिलाएँ बायें बांह में चौदह गाँठ वाले विभिन्न रंगों के धागे (अनन्त)बांधते नजर आये।इस मंदिर के अतिरिक्त अन्य मंदिरों पर तथा घरों में भी श्री अनन्त पूजनोत्सव किया गया है।
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