बिहार न्यूज़ लाइव नालंदा डेस्क: बिहारशरीफ। नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने आज मंगलवार को हरदेव भवन सभागार में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की।जहां संस्थागत प्रसव के क्रम में पाया गया कि जुलाई माह में कुल 3052 संस्थागत प्रसव हुए। समीक्षा में ज्ञात हुआ कि कुछ आशा द्वारा संस्थागत प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में लाने में कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है।
ऐसे सभी आशा से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश सभी संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया गया है। जिस आशा के द्वारा लगातार कार्य नहीं किया जा रहा है, उसे चिन्हित कर हटाने के लिए कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।सी-सेक्शन के माध्यम से जुलाई माह में 167 प्रसव कराए गए। जिलाधिकारी ने इसे बढ़ाने हेतु प्रयास करने को कहा है।
अनुमंडलीय अस्पताल हिलसा में पूर्णकालिक एनेस्थीसिया के डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहने के कारण उपयुक्त संख्या में सी-सेक्शन के माध्यम से प्रसव नहीं हो रहा है। जिलाधिकारी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रहुई में पदस्थापित एनेस्थीसिया के डॉक्टर को पूर्ण कालिक रूप से अनुमंडलीय अस्पताल हिलसा से सम्बद्ध करने को कहा, ताकि वहां सी-सेक्शन सुचारू रूप से हो सके।वहीं संपूर्ण टीकाकरण की समीक्षा में पाया गया कि जुलाई माह में लगभग 70 टीकाकरण हुआ है।
बताया गया कि वैक्सीन कुरियर वालों द्वारा हड़ताल किए जाने के कारण टीकाकरण प्रभावित हुआ है। अभी भी बिहार शरीफ एवं इसलामपुर में वैक्सीन कुरियर द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने इस मामले पर काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए वैक्सीन कुरियर की तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। वैकल्पिक व्यवस्था में व्यवधान डालने वाले पर आवश्यक वस्तु एवं सेवा अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज किया गया
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