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सारण: चुनाव नजदीक पर अब तक पूरी नहीं हो पाई नीतीश कुमार की यह खास योजना,यहां आज भी नल से नहीं टपक रहा पानी…

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#परसा प्रखंड क्षेत्र के कई घरों तक नहीं पहुंचा नल का जल गर्मी में तो प्यास बुझाना हो जाता है मुश्किल
#ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से की शिकायत पर अबतक नहीं बनी बात
फ़ोटो 11
बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क:  परसा।
राज्य सरकार की महत्वपूर्ण सात निश्चय योजनाओं में से एक हर घर नल जल योजना में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद इसका लाभ आमलोगों को नहीं मिल पा रहा है।लोगों को चापाकल का दूषित जल पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जहां इस योजना के तहत पाइप बिछाए गए और नल प्वाइंट लगाए भी गए हैं,वहां के लोगों को शुद्ध जल नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा विभागीय अधिकारी से शिकायत के बावजूद ध्यान नहीं दिया जा रहा है।सात निश्चय योजना की घोषणा करते समय मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा था कि जल्द ही उनके घरों तक शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा।मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद सभी गांव के लोगों में भी भरोसा जगा कि हर घर नल से जल मिलने पर लोगों को शहर की तरह कई सुविधाएं उपलब्ध हो जाएगी।लेकिन सरकार की घोषणा को इतने लंबे समय बीत जाने के बाद भी परसा प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतों समेत सभी गांवों में नल से जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।हर घर नल जल योजना के तहत हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। इस कार्य को धरातल पर आकार देने के लिए हर पंचायत के वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में वार्ड क्रियान्वयन प्रबंध समिति बनी है। लंबे समय के बाद भी कई गांवों में यह योजना दम तोड़ रही है।

इंसान क्या, मवेशियों को भी पानी की कमी हर दिन करती है परेशान

इन दिनों गर्मी है।सभी को पानी की जरूरत है। चाहे वो जीव जंतु हो या मानव।लेकिन परसा प्रखंड के अन्याय,माड़र,बहरमाड़र,बनौता पंचायत में पानी की स्थिति बहुत ही खराब है।लगभग सभी घरों में निजी चापाकल लगा हुआ है। जिससे हमेसा पानी का लेयर भाग जाता है।बनौता पंचायत के कोहड़ा मठिया,मुजौना गांव के ग्रामीणों ने बताया कि नहाने या कपड़ा धोने के समय बहुत परेशानी होती है।दस से पंद्रह मिनट चापाकल चलाने के बाद ही पानी निकलना शुरू होता है।किसी का ध्यान इस ओर नही जाता है।

रोज खरीदना पड़ रहा पानी, शादी-विवाह में दिक्कत

वही अन्याय पंचायत के वार्ड 4 स्थित विशुनपुर गांव में हर घर नल का शुद्ध जल उपलब्ध नहीं हो पाया हैं।अन्याय पंचायत में नल जल योजना सिर्फ कागजों पर है।इस कारण ग्रामीण पंचायत के प्रतिनिधियों के खिलाफ नाराजगी है।ग्रामीण रमेश राय,धर्मेंद्र यादव,लालबाबू राय,राजेश कुमार,शंकर सिंह,सुपन राय सहित कई ग्रामीणों ने बताया की नल जल योजना का लाभ नहीं मिलने से पानी को खरीद कर पीना पड़ रहा है।पानी वाले भी मनमानी ढंग से रेट लेते हैं।कभी बीस तो कभी चालीस रुपया की मांग करते हैं। मजबूरी में देना ही पड़ता है। गांव के ही एक परिवार ने बताया कि दो महीने पूर्व बेटे की शादी हुई है। बहु जब घर आई तो खाना खा कर साधारण पानी पीने से मना कर दी।लगभग दोपहर तक उसने पानी नहीं पी।जब शहर से बोतल की पानी खरीद कर गई तब जाकर नई नवेली दुल्हन ने पानी पी।तब से लेकर अब तक पानी को खरीद कर ही पीया जा रहा है।

कहीं-कहीं टंकी लगी पर मोटर के लिए नहीं हुई पहल

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माड़र,बलिगांव व अन्याय पंचायत में पूर्व से बने जलमीनार के जांच के बाद जब हर घर नल से जल योजना को लेकर पहल शुरू हुई तो वह भी एक तरह से रास्ते में ही अटका दिखाई देता है।कुछ जगहों पर टंकी लगा दिए गए तो वहां मशीन नहीं लगाया गया है या खराब पड़ा हुआ है।कुछ ऐसी जगह है जहां मशीन लगे तो पाइप ही नहीं बिछाया गया है। एक दो जगह ऐसे हैं जहां मशीन और टंकी के साथ-साथ पाईप भी बिछा दिया गया तो उस पाइप से पानी ही नहीं निकल रहा है। शुरुआत के दिनों में दो-चार दिन पानी निकला भी तो वह सभी के घरों तक नहीं पहुंच सका।फिर देखते ही देखते मशीन खराब हुआ और उसके निगरानीकर्ता चलते बने।

योजना के बारे में ग्रामीणों को नहीं दी जाती जानकारी

नल जल योजना को लेकर क्षेत्र के लोगों में आक्रोश पनपता दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना को कुछ लोग विफल करने में लगे है।इसी कारण पानी टंकी के बारे में किसी भी जानकारी को न तो सार्वजनिक किया जा रहा है और ना ही उसके कार्य को भी पारदर्शी तरीके से किया जाता है।इसी कारण नल जल योजना का बुरा हाल बनता जा रहा है।कई लोगों ने बताया कि पहले नल जल योजना में बरती जा रही धांधली से जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा और कार्रवाई नहीं होने पर इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष भी रखा जाएगा।

वार्ड क्रियान्वयन समिति को 70 लीटर प्रत्येक व्यक्ति शुद्ध जल करना था उपलब्ध

सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल के क्रियान्वयन हेतु मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना कि शुरुआत वर्ष 2016-17 में शुरू की गई। इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घर को वर्ष 2019-20 तक पाईप द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया।योजना के अंतर्गत अधिकतम 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाना था।लेकिन अनुश्रवण न होने की वजह से योजना के तहत प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में जारी वाटर टैंक टावर निर्माण समेत पाईप बिछाने के कार्य में व्यापक गड़बड़ी हो रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

बीडीओ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधि के माध्यम से इस तरह की समस्या से अवगत होकर समाधान के लिए ठोस पहल किया जाएगा। ताकि लोगों को योजना का लाभ सही तरीके से मिल सके।

 

 

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