* गहलोत के ज्यूडिशियरी वाले बयान पर भाजपा का तंज
* सरकार गलतियों को छिपाने और जनता को गुमराह करना
* सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था को संभालने में पूर्ण रूप से विफल
बिहार न्यूज़ लाइव जयपुर डेस्क: जयपुर /(हरिप्रसाद शर्मा) भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका ज्यूडिशियरी, संविधान और केंद्र सरकार पर दिया बयान उनकी हताशा, चुनाव में अपनी हार और अपनी सरकार की गलतियों को छिपाने और जनता को गुमराह करने का उद्देश्य मात्र है। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का न्यायपालिका पर इस तरह का बयान यह दर्शाता है कि संविधान और देश की न्याय व्यवस्था में इनका कोई विश्वास नहीं है। क्योंकि यह प्रदेश की कानून व्यवस्था को संभालने में पूर्ण रूप से विफल रहे हैं। आप कहते हैं कि संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जबकि आप संवैधानिक पद पर बैठे हैं और न्याय व्यवस्था पर प्रश्न उठा रहे हैं।
सीपी जोशी ने कहा, मुख्यमंत्री एसीबी जैसी संस्था में दखलंदाजी नहीं देने की बात करते हैं, जबकि 600 से अधिक मामले मुख्यमंत्री की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण लंबित पड़ी हैं और आरोपियों को फिर से वही पोस्टिंग दी जा रही है। जहां उन्होंने भ्रष्टाचार किया था। लोक सेवा आयोग में करोड़ों रुपये लेकर सदस्य बनाए जाते हैं, जो पेपर लीक करवा युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं।
उत्तर भारत में प्रदेश की आर्थिक स्थिति सबसे अच्छी है, यह कहकर वह अपनी पीठ थपथपाना चाहते हैं। लेकिन यह आर्थिक संपन्नता कहीं दिखाई क्यों नहीं देती। प्रदेश की बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक क्यों है। चुनावी वादों के मुताबिक युवाओं को बेरोजगारी भत्ता क्यों नहीं मिला। किसानों की हालत आज भी दयनीय है। पिछले साढ़े चार साल में उद्योग धंधों में भारी गिरावट आई है। बिजली की कीमत बढ़ाने से हजारों फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के लिए बोल रहे हैं कि देश को विश्व गुरु बनाने से पहले अपना घर संभाले। मुख्यमंत्री जी आप राजस्थान संभाले, आपने पूरे साढ़े चार साल में प्रदेश को बर्बाद कर दिया, आपसे प्रदेश की व्यवस्थाएं नहीं संभल पाई। इस तरह की सलाह आप न दें तो अच्छा रहेगा। जोशी ने कहा मुख्यमंत्री चुनाव में फायदा लेने के लिए मंदिरों के निर्माण और जीर्णोद्धार की बात कर रहे हैं। जबकि तुष्टीकरण की नीति के आधार पर यह सरकार काम कर रही है। आकंठ तुष्टीकरण में डूबी प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हिंदुओं के भगवा झंडे पर रोक, धार्मिक उत्सवों को सार्वजनिक तरीके से मनाने पर सरकारी नियंत्रण, चूरू और अलवर जिले में मंदिर तोड़ना, करौली, मालपुरा के सांप्रदायिक दंगे जिस सरकार में होते हैं वह हिंदुओं का हितैषी कैसे बन सकता है।
सत्ता जाने का भय मुख्यमंत्री के चेहरे पर अब स्पष्ट नजर आने लगा है। कुचामन में दलित युवाओं की नृशंस हत्या, डिग्गी में महंत की हत्या, खनन विभाग को लेकर कैग की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के खुलासे जैसे तमाम मुद्दों को भटकाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस प्रकार के बयान देते हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार 2018 में किए अपने चुनावी वादों को नहीं निभाने के कारण पहले से ही जहां बैकफुट पर है। वहीं, इनके कार्यकाल में बढ़े महिला दलितों पर अप्रत्याशित अपराध, सरकार के सभी विभागों में फैली कमीशनबाजी और भ्रष्टाचार, पेपर लीक, महंगी बिजली और पेट्रोल डीजल से जनता पर बोझ डालने के काम से जनता की प्रतिक्रिया देखकर इनको अपनी चुनावों में स्पष्ट हार नजर आने लगी है।
प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संविधान के तीसरे स्तंभ के रूप में न्यायपालिका को कई व्यापक अधिकार संविधान में मिले हैं। संविधान के आर्टिकल 121 व 211 के अनुसार राज्य की विधायिका सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों के किसी भी न्यायाधीश के आचरण और कर्तव्य के बारे में कोई टीका टिप्पणी नहीं कर सकती है। इससे बड़े दुर्भाग्य की बात क्या होगी कि खुद संवैधानिक पद पर आसीन बयानवीर मुख्यमंत्री गहलोत अब न्यायपालिका को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
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