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सारण: नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की कि जाती है पूजा…

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 बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क:   छपरा सदर.:  नवरात्र का प्रारंभ हो चुका है आज मां के तीसरे रूप चंद्रघंटा मां की पूजा की जाती है वैसे तो 15 अक्टूबर से ही चारों तरफ भक्ति में माहौल है या देवी सर्वभूतेषु दया रुपया ना संस्था जैसे श्लोक से सभी पूजा पंडाल भक्ति में हुए हैं तथा श्रोता मंत्र मुक्त होकर मां की आशीष एवं कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा कर रहे हैं नवदुर्गा पूजन में मां के तीसरे रूप चंद्रघंटा की पूजा का विशेष महत्व है। 

 

मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। मां चंद्रघंटा  शान्तिदायक और कल्याणकारी है। ऐसी मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। धर्म शास्त्रों की माने तो नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी भक्त माता के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा करते है, उनको माता की कृपा प्राप्त होती है।

 

  मां चंद्रघंटा से जुड़ी कथा, पूजा विधि और महत्व के बारे में… 

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शास्त्रो की माने तो मां चंद्रघंटा ने राक्षसों के संहार के लिए अवतार लिया था। इनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों की शक्तियां समम्मिलित हैं। ये अपने हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष व गदा धारण करती हैं। इनके माथे पर घंटे के आकार में अर्द्ध चंद्र विराजमान है। इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। आराधना के लिए  माता का ये स्वरूप सौम्य और शांत है। देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह है। इनके 10 हाथ हैं तथा तीन नेत्र हैं आठ हाथों में खड्ग वान आदि दिव्य अस्त्र-शस्त्र हैं दो हाथों से भक्तों को आशीष देती हैं। इनका संपूर्ण शरीर दिव्य आभा में है। इनके दर्शन से भक्तों का हर तरह से कल्याण होता है । माता भक्तों को सभी तरह के पापों से मुक्त करती हैं। इनकी पूजा से बाल और यश में बढ़ोतरी होती है।  इस दिन गाय के दूध का बना प्रसाद चढ़ाने का विशेष प्रावधान है

 

 

माँ चंद्रघंटा पूजा विधि

 

नवरात्रि के तीसरे दिन सर्वप्रथम सुबह  स्नानादि करने के बाद पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें। फिर माँ चंद्रघंटा का ध्यान करें और उनके सामने दीपक जलाकर रखे । अब माता रानी को अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि चीजें चढ़ाए 

 

 

 

 

इसके बाद मां को प्रसाद के रूप में फल और केसर-दूध से बनी मिठाइयों या खीर का भोग लगाएं। फिर मां चंद्रघंटा की आरती करें। पूजा के पश्चात किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें।

 

तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा के समय सफेद, भूरा या स्वर्ण रंग का वस्त्र पहनना अति शुभ माना जाता है। इसके साथ माँ के भक्त इस दिन दूध से बने मिष्ठान का भोग लगा सकते हैं।ऐसी  मान्यता है कि माता को शहद भी प्रिय है।

 

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