कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. के. सी. सिन्हा ने की
बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क: छपरा। आज राजेंद्र महाविद्यालय में कुल देवता डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी की 139 वीं जयंती का गरिमामय आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री जितेंद्र राय, मंत्री कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार रहे। मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ रमेश चंद्र सिन्हा पूर्व अध्यक्ष भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली एवं प्रोफेसर ज्योति वर्मा सेवानिवृत्ति आचार्य मनोविज्ञान विभाग पटना रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री प्रोफेसर डॉ.महाचंद्र प्रसाद सिंह एवं सम्मानित अतिथि के रूप में प्रोफेसर रंजीत कुमार कुलसचिव जयप्रकाश विश्वविद्यालय उपस्थित रहे। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा महाविद्यालय परिसर में स्थापित डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम स्थल पर उनके छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया। श्री राजेश मिश्रा एवं साथियों के द्वारा राजेंद्र वंदना, कुलगीत एवं अतिथियों के सम्मान में स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का सम्मान शॉल, मोमेंटो, बुके एवं किताब भेंटकर किया गया।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन एवं अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने महाविद्यालय की समस्याओं से भी अतिथियों को अवगत कराया और महाविद्यालय में चल रही गतिविधियों तथा बेहतरीन के प्रयासों के विभिन्न उदाहरण भी प्रस्तुत किए। एन लिस्ट की सदस्यता एवं अकादमिक मंडल द्वारा समय-समय पर आयोजित होने वाले व्याख्यान तथा कक्षाओं के बेहतर संचालन के संदर्भ में उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने भविष्य की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर महाचंद्र प्रसाद सिंह ने अपने उद्बोधन में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को एक प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में याद करते हुए नमन किया एवं उनके आदर्शों पर चलने का आग्रह किया।
मंत्री श्री जितेंद्र राय ने अपने उद्बोधन में छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक छोटे से गांव से निकलकर किस तरह से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं राष्ट्रपति के दायित्वों को निभाने वाले एक अनुकरणीय व्यक्तित्व के रूप में कार्य किया वह हम सबके लिए प्रेरणादाई है। मुख्य वक्ता प्रोफेसर रमेश चंद्र सिन्हा ने इस अवसर पर आग्रह किया कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के द्वारा लिखित या उनके जीवन पर लिखित किताबों का अध्ययन अवश्य करना चाहिए उससे उनकी महानता, ईमानदारी एवं सच्चाई का हमें ज्ञान होता है और अपने जीवन तथा समाज के लिए बेहतर कर पाने की प्रेरणा प्राप्त होती है। इसी क्रम में डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के परिवार की सदस्य प्रोफेसर डॉ. ज्योति वर्मा ने अपने व्यक्तिगत जीवन अनुभवों से अनेक उदाहरण प्रस्तुत किया जो अत्यंत प्रेरक एवं सीख प्रदान करने वाले थे। उन्होने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के सादा जीवन एवं उच्च विचार पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. रंजीत कुमार ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी की जीवन यात्रा पर रोशनी डालते हुए आज के परिवेश में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में चल रही शिक्षकों के साथ समस्याओं को भी उजागर किया और अपनी अस्मिता के लिए खड़े होने का आग्रह किया। इसी क्रम में राजेंद्र महाविद्यालय शिक्षक संघ के सचिव डॉ. प्रशांत कुमार सिंह एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के प्रतिनिधि प्रशाखा पदाधिकारी श्री हरिहर मोहन ने भी सभा को संबोधित किया।
अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गणित के महागुरु कहे जाने वाले विख्यात विद्वान कुलपति प्रोफेसर के. सी. सिन्हा ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी को नमन करते हुए कहा कि भारत रत्न तो देश में बहुत हुए पर देशरत्न एकमात्र डॉ. राजेंद्र प्रसाद हुए। हमें यह नहीं देखना चाहिए कि कौन कहाँ पहुँचा बल्कि यह देखना चाहिए कि कहाँ से कोई कहाँ तक पहुँचा। इस रूप में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने हम सभी के सामने आदर्श प्रस्तुत किया। इसी क्रम में उन्होंने महाविद्यालय के गरिमापूर्ण एवं वैभवमय इतिहास की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए इसके अनुरूप आगे कार्य करने हेतु आग्रह किया।
उल्लेखनीय है कि इस अवसर महाविद्यालय से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पत्रिका “राका” का भी विमोचन हुआ एवं हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार सिन्हा द्वारा लिखित पुस्तक “हिंदी के प्रमुख साहित्यकारों की पत्रकारिता” का भी विमोचन हुआ। यह पुस्तक एम. ए. हिंदी के पाठ्यक्रम पर आधारित है। यह भी उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक डॉ. सरोज कुमार वर्मा द्वारा कॉमर्स के प्राध्यापक रहे अपने पिता श्री विपिन बिहारी वर्मा जी की स्मृति में कॉमर्स विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को प्रतिवर्ष 11000 का नगद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान करने की घोषणा की।
कार्यक्रम के दौरान कुशल मंच संचालन डॉ. इकबाल जफर अंसारी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर डॉ. विधान चंद्र भारती द्वारा किया गया। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकों में डॉ संजय कुमार सिंह, डॉ. एन. पी. वर्मा, डॉ. पूनम, डॉ. संजय कुमार सहित शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों के साथ-साथ सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थित रही।
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