बिहार न्यूज़ लाइव समस्तीपुर डेस्क…एतय एक साथ पूजल जाइत अछि भक्त आ भगवान : एसपी विनय तिवारी
* महान लोक व जन कवि थे मैथिल कोकिल विद्यापति
* भक्ति भाव के अधिष्ठाता और भक्ति परंपरा के आधार स्तंभ कवि थे विद्यापति
* तीन दिवसीय विघापति राजकीय महोत्सव का हुआ आगाज
संतोष कुमार सिंह
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समस्तीपुर । मैथिल कोकिल महाकवि विद्यापति जी की समाधि भूमि विद्यापतिधाम में शनिवार से तीन दिवसीय विद्यापति राजकीय महोत्सव का शुभारंभ हुआ। महाकवि के तैल चित्र पर अतिथियों एवं पदाधिकारियों ने पुष्पांजलि के उपरांत दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। जिलाधिकारी ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि महान कवि विद्यापति जी की रचना किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। महाकवि विद्यापति जी महान लोक व जनकवि थे। मानवता जबतक रहेगी विद्यापति जी की रचनाएं प्रसिद्ध रहेंगी। महाकवि विद्यापति भक्ति साहित्य के प्रमुख स्तंभ थे। भक्ति भाव के अधिष्ठाता और भक्ति परंपरा के आधार स्तंभ महाकवि विद्यापति की रचनाएं हमेशा प्रासंगिक रहेंगी। विद्यापति की रचनाओं से हम सबों को सीख लेने की जरूरत है। अपनी भक्तिभाव की पराकाष्ठा से समाहित रचनाओं के जरिये महाकवि ने धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का अलख जगा पूरे विश्व में मिथिलांचल का मान बढ़ाया है। पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी ने कहा कि विद्यापति जी ने साहित्य को समृद्ध किया। कहा की उन्होंने संस्कृत,मैथिल व अवहट्ट भाषा को एक साथ पिरोकर मानवीय जीवन के लिए देशी बैना सब जन मिट्ठा का संदेश दिया। कहा की प्रबुद्ध कवि के रूप में उन्होंने भारतीय परंपराओं में धार्मिक पूजन परंपरा को एक सूत्र में पिरोने वाले कवि थे।बताया की शक्ति का सामूहिक प्रदर्शन नहीं करना ही देवत्व है।पुलिस अधीक्षक ने विद्यापति की विरह रचना उगना रे मोर कतय गेलय सुना कर श्रद्धांजलि सभा में भक्तिभाव को गति दिया। पुलिस कप्तान विनय तिवारी ने मैथिली भाषा में अपना संबोधन शुरु किया ।
कहा कि एतय एक साथ पूजल जाइत अछि भक्त आ भगवान। विद्यापति भगवान शिव के अंश थे। उन्होनें पूजन परंपरा को भक्ति काल से जोड़ा। भक्ति भाव की गहराई का बोध कराया। उन्होंने अपनी रचनाओं में मैथिली के साथ संस्कृत भाषा का अदभुत समन्वय स्थापित किया। विद्यापतिधाम उगना महादेव मंदिर के पार्श्व स्थित विद्यापतिधाम रेलवे मैदान में आयोजित उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए विभूतिपुर के विधायक अजय कुमार ने कहा की भक्त कवि विद्यापति के गुणगान से ही धार्मिक व सांस्कृतिक अनुष्ठान पूर्ण होते हैं। कहा की मिथिला ही नहीं बिहार की धार्मिक पहचान महाकवि विद्यापति से है। ऐसे वे अपनी रचनाओं से विश्व कवि के रूप में विख्यात हैं।
कहा भक्त में भक्ति का भाव हो तो अराध्य का सानिध्य प्राप्त होता है। श्रद्धांजलि सभा को विधान परिषद सदस्य तरुण कुमार ने संबोधित करते हुए कहा की मानवीय जीवन में महा कवि प्रेरणा के श्रोत हैं। स्वागत भाषण डीडीसी अखिलेश कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम की सफलता को ले उन्होंने आगत अतिथियों और उपस्थित जनसमूह के प्रति जिला प्रशासन की ओर से अपनी कृतज्ञता जतायी। विद्यापति परिषद अध्यक्ष गणेश गिरि कवि ने महाकवि विद्यापति से जुड़ी विभिन्न किवदंतियों का जीवंत चित्रण कर यहां की आध्यात्मिक, साहित्यिक व सांस्कृतिक ऐतिहासिकता का बोध कराया। इससे पूर्व गणमान्य अतिथियों ने महाकवि के तैलचित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद किया।
स्वागत गान विद्यापति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मऊ बाजिदपुर दक्षिण की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। संचालन सतेन्द्र कुमार पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में पूर्व विधान पार्षद राणा गंगेश्वर प्रसाद सिंह,डीडीसी अखिलेश कुमार सिंह,एडीएम अजय तिवारी, एसडीओ प्रियंका कुमारी, डीएसपी नजीब अनवर,सीओ अजय कुमार,बीडीओ महताब अंसारी, जदयू प्रदेश सचिव धीरेन्द्र कुमार सिंह सहित अनुमंडल व प्रखंड के पदाधिकारी,स्थानीय जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शक श्रोता मौजूद रहे।