बिहार न्यूज़ लाइव / प्रखंड क्षेत्र के सिसवॉं में गुरुवार को हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बता दें कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार हनुमान जयंती का त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है। इनमें एक बार जन्मोत्सव के तौर मनाया जाता है, जबकि दूसरी बार हनुमान जयंती को विजय दिवस के रूप मे मनाया जाता है।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को स्वाति नक्षत्र में हुआ था। इस तरह से हनुमानजी का प्रगट्यपर्व यानी हनुमान जयंती कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को मनायी जाती है। वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इसके पीछे भी एक कहानी है। भगवान शिव के 11वें अवतार हनुमान जी को अष्ट सिद्धियां और नौ निधियां प्राप्त हैं, जिससे उनकी शक्तियां बहुत अधिक मानी गई हैं। एक बार की बात है कि हनुमान जी जब छोटे बालक थे तब उन्हें बहुत जोरों की भूख लगी, तो उन्होंने सूर्य को फल समझकर और अपनी शक्ति के बल पर निगल लिया था। जिस समय हनुमान जी सूर्यदेव को निगल रहे थे उस समय वहां पर पहले से राहु मौजूद था। हनुमान जी के द्वारा सूर्य को निगलते हुए देखकर राहु ने यह बात देवराज इंद्र को जाकर बताई। राहु की बात सुनकर देवराज इंद्रदेव क्रोधित हो गए और हनुमानजी को दंड देने के लिए उन पर वज्र से प्रहार किया।
वज्र के प्रहार से हनुमान को दाढ़ी में चोट लगी और वे हीं बेहोश हो गए। जब यह बात पवनदेव को मालूम चली कि उनके पुत्र पर इंद्र ने वज्र से प्रहार किया, तो वे क्रोधित होकर पूरे ब्रह्रांड की प्राण वायु को रोक दिया। समूची सृष्टि की प्राणवायु रुक जाने से सभी लोगों में हाहाकार मच गया। तब ब्रह्राजी ने पवनदेव का समझाते हुए हनुमान जी को जीवनदान दिया। ऐसी मान्यता है कि यह दिन चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को ही हनुमान जी को नया जीवनदान मिला था, इस कारण से हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
इसी मान्यता के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव अंतर्गत गुरूवार की शाम को हनुमत-पूजन, भजन आदि के बाद प्रसाद के तौर पर खिचड़ी का वितरण किया गया। यह कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा। मौके पर सुनील कुमार सिंह, राकेश कुमार मिश्र, उपमुखिया प्रतिनिधि नितिन कुमार सिंह उर्फ पम्पम बाबू, गुड्डू मिश्र, सिक्की मिश्र, पवन कुमार सिंह, पिंटू ठाकुर, दीपक प्रसाद, बंटी मिश्र, प्रिंस कुमार मिश्र, पुन्नू ठाकुर, उमेश यादव सहित दर्जनों श्रद्धालु मौजूद थे।
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