बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क: छपरा कार्यालय । जय प्रकाश विश्वविद्यालय के मानविकी संकायान्तर्गत हिन्दी विषय मे शोध कार्य कर रहे शोधार्थी विजय कुमार ने कहा कि हिंदी आज व्यवसाय की भाषा बन कर उभर रही है।
हिंदी का बर्चस्व आज इस कदर बढ़ा है कि मल्टीनेशनल कंपनियां भी अपना विज्ञापन और टैगलाइन हिंदी में बना रही है।
इसका तात्पर्य ये है कि हिंदी बोलने और समझने वाले लोग बढ़ रहे हैं। हिंदी भाषी लोगों का प्रभाव बाजार पर है। लेकिन ये भी सत्य है कि हिंदी आज बाजार की भाषा तो बन गई लेकिन ज्ञान की भाषा आज भी अंग्रेजी ही है। आज जरूरत है हिंदी को ज्ञान की भाषा बनाना। विश्व के साहित्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की किताबों के अनुवाद अथवा लिप्यन्तरण से ये सम्भव नहीं है। इस क्षेत्र में हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए मौलिक पुस्तकें लिखने की आवश्यकता है। शोध पत्र हिंदी में लिखे जाने की जरूरत है।
हिंदी में असीम संभावनाएं हैं। आज हिंदी बोलने वाले लोगों में वृद्धि हो रही है इसका एक मुख्य कारण यह है कि इस भाषा में बाध्यता कम है। हिंदी ने सबको सहर्ष स्वीकार किया है।
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