देर रात्रि में हुआ प्रतिमा विसर्जन
काफी संख्या में तैनात रहे पुलिस जवान
सभी अखाड़ा जुलूस पर पैनी नजर रखे रहे पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी
फोटो 03,04 05 बजरंग बली व मां दुर्गे की प्रतिमा,अखाड़ा में नृत्य प्रस्तुत करती नर्तकियां
बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क: रिविलगंज।
धार्मिक व पौराणिक स्थल के रूप में प्रख्यात गौतम नगरी क्षेत्र रिविलगंज का ऐतिहासिक प्रतिमा विसर्जन सह शोभा यात्रा कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर भले ही शांतिपूर्ण तरीके से सोमवार को देर बीती रात्रि सभी प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ संपन्न हो गया मगर कई तथ्यपरक पहलुओं को छोड़ गया है जिसे स्थानीय लोगो चिंतन ,मनन एवं विचार करने की आवश्यकता है।
पहले की तुलना में इसके पौराणिक व धार्मिक वातावरण में बदलाव आया हो मगर बजरंग बली व मां दुर्गे की प्रतिमाओं के समक्ष पूजा अर्चना करने की परंपरा आज भी जीवित है ।श्रद्धालुओ द्वारा सभी प्रतिमाओं के समक्ष की जा रही पूजा अर्चना पुरानी परंपरा की जीवंतता प्रदान कर रही थी।
पहले डंके व ताशा की धुन सुनी जाती थी मगर वर्तमान परिवेश ने इसके स्थान पर आर्केस्ट्रा, डीजे एवं हिंदी व भोजपुरी फिल्मों के गीत को धारण कर लिया है । इसी धारणा को लेकर आज की युवा पीढी इसे गहराई व बारीकी से धरातल पर उतार कर पुराने लोगो के आदेश को हाशिये पर रख दिये है।परिणामतः प्रतिमा विसर्जन सह शोभा यात्रा 24 घंटे के बजाय 48 या 55 घण्टे में समाप्त हो रही है जिसका प्रभाव लोगो के दैनंदिनी कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।कई घण्टो तक विद्युत व जलापूर्ति बाधित हो जाता है।लोग तकनीकी युग से दो से तीन दिनों तक अलग रह जाते है।व्यवसाय पर भी असर पड़ने लगता है।यातायात प्रभावित हो जाता है।.
बजरंग बली के ननिहाल रूपी क्षेत्र गौतम नगरी में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सभी पूजा समिति से जुड़े लोग शोभा यात्रा व अखाड़ा निकालने की जबरदस्त तैयारी की थी ।प्रशासन के साथ कई शांति समिति की बैठकों में संकल्प भी लिया गया था ।इस संकल्प के बीच प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों को समिति के सदस्यों द्वारा यह आश्वस्त किया गया था कि हिन्दू मुस्लिम एकता के रूप में प्रसिद्ध रिविलगंज क्षेत्र में कोई अशांति का माहौल नही रहता है सभी समुदाय से जुड़े लोग एक दूसरे के बीच आपसी भाईचारा,अपनापन ,सौहार्द वातावरण के माहौल में सभी प्रतिमाओं का विसर्जन सरयू नदी के किनारे अवस्थित श्रीनाथ बाबा मंदिर के पास होता रहा है और इस बार भी होगा।
पहले दोनों समुदाय से जुड़े लोग आपस में मिलकर एक साथ गदका खेलते थे विभिन्न खेलो का करतब दिखाते थे,भक्ति गीतों पर लोग झूमते थे।बाहर के खिलाड़ी अपना करतब दिखाते थे मगर वर्तमान में आज की युवा पीढ़ी इन सभी पुरानी परंपराओं को समाप्त कर डीजे व आर्केस्ट्रा को धारण कर लिए है और इसी कारण प्रतिमा विसर्जन में काफी विलम्ब होने लगा है।
बिहार की सबसे पुरानी नगरपालिका जो व्यवसायिक दृष्टिकोण से प्रथम नगरपालिका है ,रिविलगज जहां एक साथ दर्जन भर प्रतिमाओं के साथ अखाड़ा निकलता है इसके पूर्व सभी प्रतिमाओं को एक एक घर घुमाया जाता है जहां पूजा अर्चना की जाती है जबकि अखाड़ा में मुख्य सड़क किनारे दूर दूर से आने वाले श्रद्धालु पूजा अर्चना करते है।
विगत रविवार को सुबह सभी प्रतिमाओ को अपने अपने स्थान से निकाल कर घरों घरों तक परिभ्रमण कराया गया ।देर संध्या तक पुनः स्थान पर लाया गया।रंगारंग व सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर चलंत स्टेज बना हुआ था उसी बीच चलंत स्टेज को प्रतिनियुक्त व धावा दलों द्वारा हटाने व खोलने का दबाव दिया जाने लगा जिस कारण पूजा समिति व पुलिस बल के बीच तूं तूं में मैं होने लगा।भाग दौड़ की नौबत आने लगी।कुछ धराए भी ,मगर बाद में विवशता पूर्ण छोड़ना पड़ा।अन्ततोगत्वा पुलिस प्रशासन को विवश होकर डीजे व आर्केस्ट्रा के अखाड़ा निकालने का किसी न किसी रूप में इस कारण आदेश देना पड़ा कि रविवार की रात तक प्रतिमाएं अपने अपने स्थान पर खड़ी रह गई।
सोमवार को सुबह सभी अखाड़ा का पुनः शुभारंभ हुआ।जो दोपहर बाद देर शाम गोदना मोड़ पर पहुंचा। हजारों की संख्या में लोग सभी अखाड़ा में शामिल होकर नृत्य संगीत का आनंद लेने लगे।अश्लील नृत्य व संगीत के बीच ताशा व ढोलक की धुन गौण हो गई।सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे।पुलिस गश्त कर रही थी।शराब के खुलेआम दौर जारी था।देशी शराब की छोटी छोटी पाऊँचे किसी न किसी रूप में लोगो के बीच पहुंच रही थी। हालांकि कुछ सामाजिक कार्यकर्ता व व्यवसायी लोगो को शुद्ध जल ,शरबत आदि की व्यवस्था कियर थे जिसे मेला में पधारे श्रद्धालुओ को ग्रहण कराते रहे। कई श्रद्धालुओं ने एक स्वर में रिविलगंज के लोगो के सेवा भाव,आदर की सराहना भी की ।इनका मानना था कि इसी के बल पर आज भी यह विसर्जन मेला सह अखाड़ा शोभा यात्रा जीवंतता प्रदान कर रहा है और यह अक्षुण्ण बनाये रखा है।.
पूरे विसर्जन व अखाड़ा के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही।वे सब भी नृत्य गीत संगीत का लुत्फ उठाने से पीछे नहीं रहे।उनकी यही सोच बनी रही कि किसी तरह शांति पूर्बक यह मेल व विसर्जन सम्पन्न हो जाय। पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों के बना आश्रय स्थल नगर पंचायत कार्यालय से अधिकारी पैनी नजर बनाए रखे रहे।
सदर एसडीओ संजय कुमार राय,एसडीपीओ संतोष कुमार,जिला पंचायती राज पदाधिकारी,जिला उद्यान पदाधिकारी,जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सहित कई अंचलाधिकारी भी पग पग पर खबर लेते रहें। सभी अखाड़ा का वीडियोग्राफी भी किया गया ।प्रशासन नियमों के उल्लंघन को लेकर सभी फुटेज को खंगाल सकती है ऐसी संभावना पूजा समितियों द्वारा की जा रही है।बताते चले कि इस अखाड़ा जुलूस में 01 से 11 तक के लाइसेंसी प्रतिमाएं व अखाड़ा शामिल होता है मगर इस बार गोरिया छपरा का प्रतिमा व अखाड़ा शामिल नहीं हुआ क्योंकि युवाओं पर कोई केस नहीं लदे ,इस कारण वह पीछे हो गया।इसके लाइसेंसदार तैयार नहीं हुए।
इस बीच कई युवाओं ने बताया कि यदि डीजे व आर्केस्ट्रा पर पूरी तरह पाबंदी लग जाती तो आने वाले दिनों में इसके अस्तित्व व पुरानी परम्पराओ पर हमेशा के लिए ग्रहण लग जाती।इसी के चलते रिविलगंज की जनता के सहयोग व बल पर युवक पूरो तरह तटस्थ दिखे और सक्रिय रूप से दिन रात एक कर पूजा समिति के सदस्यों का मनोबल बढाते रहे।
बीती रात्रि समय नगर पंचायत क्षेत्रान्तर्गत श्रीनाथ बाबा मंदिर के समीप सरयू नदी में सभी प्रतिमाओं का विसर्जन सम्पन्न हुआ।
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