पटना: धर्मांतरण को बढावा देनेवाली अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जानेवाली सरकारी योजनाओं को तुरंत बंद करें
बिहार न्यूज़ लाईव पटना डेस्क: धर्मांतरण को बढावा देनेवाली अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जानेवाली सरकारी योजनाओं को तुरंत बंद करें !* – अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, सुप्रीम कोर्ट
केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के लिए 200 योजनाएं चलाई जाती हैं । इसके अलावा प्रत्येक राज्य में इन योजनाओं की कुल संख्या 500 से अधिक होगी । इसके अलावा अन्य योजनाएं भी केवल अल्पसंख्यकों के लिए ही हैं । ये सभी योजनाएं हिन्दुओं के टैक्स से चलती हैं । इसलिए अल्पसंख्यकों के लिए ये योजनाएं एक तरह से अमीर हिन्दुओं के पैसे से गरीब हिन्दुओं का धर्मांतरण हैं । अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जानेवाली योजनाएं धर्मांतरण को बढावा देती हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने मांग की कि इन योजनाओं को तुरंत बंद किया जाना चाहिए । वे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘हिन्दुत्व की रक्षा’ विषय पर बोल रहे थे ।
*हिंदुओं को अपने ऊपर हो रहे हमलों का जवाब देने के लिए तैयार हो जाना चाहिए!* – – सुरेश चव्हाणके, मुख्य संपादक, ‘सुदर्शन न्यूज़’
नई केंद्र सरकार के गठन के बाद से पिछले 5 वर्षों की तुलना में अधिक गोहत्याएं हुई हैं । 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हिन्दुओं पर हमले बढे हैं । अगर हमने समय रहते इसका जवाब नहीं दिया, तो भविष्य में हिन्दुओं के लिए इससे निपटना मुश्किल हो जाएगा।’ बीजेपी के 240 सांसद सिर्फ इसलिए चुने गए हैं क्योंकि हिन्दुओं ने वोट दिया है । इसलिए, भाजपा को हिन्दुओं के मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, ऐसा ‘सुदर्शन न्यूज’ के प्रधान संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके द्वारा ने कहा ।
इस अवसर पर *अयोध्या फाउंडेशन की संस्थापक श्रीमती मीनाक्षी शरण* ने कहा, ‘‘हमने हिन्दुओं में अपनी संस्कृति के प्रति रुचि बढाने के लिए मंदिर में दीपक जलाने की योजना शुरू की है ।’’ हम उपेक्षित मंदिरों में देवताओं की पूजा करते हैं और दीपक जलाते हैं । इस योजना की शुरूआत हमने हिमाचल प्रदेश से की है ।’’
*पाकिस्तान की तरह मणिपुर को भी भारत से काटने की मिशनरियों की साजिश !* – प्रियानंद शर्मा, मणिपुर धर्मरक्षक समिति, मणिपुर
बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को मिलाकर, साथ ही मणिपुर को तोडकर एक नया स्वतंत्र कुकी देश बनाने की पश्चिमी देश और उनसे जुडी मिशनरियों का साजिश है । मणिपुर में कुकी जनजाति का नाम 1961 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की सूची में भी नहीं था; लेकिन आज वे स्वतंत्र देश की मांग कर रहे हैं । बांग्लादेशी और म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान और कुकी जमात ने बडी संख्या में मणिपुर में घुसपैठ की है । आधार कार्ड और वोटर कार्ड उन्हें आसानी से उपलब्ध हो जाता है । सीमा सुरक्षा की कमी के कारण पूर्वोत्तर भारत में घुसपैठ बढ रही है । मणिपुर से ‘मणिपुर धर्मरक्षक समिति’ के सदस्य श्री. प्रियानंद शर्मा ने जोर देकर कहा कि अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो उत्तर पूर्व भारत में भी यह फैलने में देर नहीं लगेगी ।
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