सावन महीने का महत्व-भगवान शिव को इतना प्रिय है सावन महीना।
:पूर्णिमा के अवसर पे कीर्तन का आयोजन हुआ,श्री सोहन सिंह के परिसर में बाबा बजरंगवाली मंदिर पे।
:वार्ड नं 5 भतखोरा में है यह मंदिर,समाज के सभी वर्ग के लोग लेते है भाग।
बिहार न्यूज़ लाईव मधेपुरा डेस्क: जिला संवाददाता रंजीत कुमार
मधेपुरा:सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-आराधना के लिए बहुत खास माना जाता है। इस महीने भक्त शिव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा और व्रत तो करते ही हैं साथ ही कावड़ यात्रा पर भी निकलते हैं। साल 2024 में सावन महीने की शुरुआत सोमवार के दिन से हो रही है, इसे बेहद शुभ संयोग माना जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों भगवान शिव को सावन का महीना इतना प्रिय है और इस महीने का नाम कैसे पड़ा।
कैसे पड़ा सावन महीने का नाम
सावन का महीना हिंदू पंचांग का पांचवां महीना है। हिंदू महीनों के नाम पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उसके अनुसार ही रखा गया है। हिंदू वर्ष का पांचवां महीना सावन जब शुरू होता है तो उस दौरान पूर्णिमा के दिन चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में विराजमान होते हैं, इसलिए इस महीने को श्रावण नाम से जाना जाता है। धीरे-धीरे यही श्रावण नाम सावन में बदल गया। आइए अब जान लेते हैं कि आखिर क्यों भगवान शिव को सावन का ये महीना अतिप्रिय है।
सावन माह है भगवान शिव को प्रिय
भगवान शिव को सावन का महीना कई कारणों से प्रिय है। माना जाता है कि इसी महीने में माता पार्वती ने भगवान शिव को वर रूप में पाने के लिए व्रत रखे थे और तपस्या की थी, इसलिए भगवान शिव को यह महीना बहुत प्रिय है। माना जाता है कि, इसी महीने में भगवान शिव धरती पर अवतरित होकर अपने ससुराल गए थे और आज भी हर वर्ष इस महीने में वो धरती पर आते हैं, इसलिए भगवान शिव के लिए भी और उनके भक्तों के लिए भी यह महीना बेहद खास बन जाता है।
इसके अलावा समुद्र मंथन से निकले विष को जब भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण कर लिया था, तो उनके शरीर का ताप बढ़ गया था। इस ताप को कम करने के लिए देवताओं ने भगवान शिव पर जल बरसाया था, जिससे शिव जी को शीतलता मिली थी। सावन के महीने में भी जल बरसता है और इसलिए भगवान शिव को यह माह बहुत प्रिय है। इसके साथ ही प्रकृति में कई तरह के रंग इस दौरान फैले रहते हैं, इसलिए भी शिव जी को यह माह भाता है।.
सावन में ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न
सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सादगीपूर्ण जीवन आपको जीना चाहिए। इस दौरान तामसिक भोजन को त्यागकर नित्य शिव मंत्रों का जप आपको करना चाहिए। संभव हो तो सोमवार के दिन इस दौरान व्रत रखें। सावन के महीने में आप शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र, केतकी के फूल आदि अर्पित करते हैं तो भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं। इसके साथ ही इस महीने अगर आप निरंतर ध्यान करते हैं तो कई आलौकिक अनुभव आपको प्राप्त हो सकते हैं।सभी ग्रामीण इलाकों में लोग सावन में कंवर यात्रा भी करते है।इस अवसर पर कीर्तन का आयोजन हुआ,कीर्तन के आयोजन में श्री धीरेन्द्र जी,कामेश्वर जी,जागो ऋषिदेव,भावी ऋषिदेव,इंद्रजीत सिंह,पीयूष,तुषार, आयुष, आदित्य, टुकटूक और सभी लोग सम्मलित हुए।
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