मधेपुरा: संयुक्त मोर्चा और अन्य ट्रेड यूनियन के आह्वान पर वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने स्टेट बैंक परिसर में बोला हमला घंटों बैंक को बाधित कर किया उग्र प्रदर्शन.

Rakesh Gupta

 

 

:वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के जनविरोधी नीति के विरुद्ध जमकर की नारेबाजी:

: करीब एक घंटों तक शहर के मुख्य स्टेट बैंक शाखा रहा बाधित, आंदोलनकारियों ने बैंक के कामकाज को किया ठप:

 बिहार न्यूज़ लाईव मधेपुरा डेस्क: संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य ट्रेड यूनियन के आह्वान पर आज ग्रामीण भारत बंद बुलाया गया। जिसके तहत मधेपुरा में वाम दलों और बिहार राज्य किसान सभा की ओर से स्टेट बैंक मुख्य शाखा को बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। बता दें कि आंदोलन कर रहे लोगों ने लगभग एक घंटे तक SBI मुख्य शाखा में कामकाज बाधित रहा। वहीं विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे देश में किसान-मजदूर आज सड़क पर हैं। मोदी सरकार देश की सार्वजनिक संपत्तियों को बेच रही है। रेल, भेल, शिक्षा, हवाई अड्डा समेत सभी सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।

 

इसी के खिलाफ आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जो किसानों के साथ एग्रीमेंट किया, उसको लागू किया जाए। हरहाल में MSP लागू होना चाहिए। किसानों के फसल का समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। कर्मचारियों का पुराना पेंशन लागू होना चाहिए। शिक्षा और काम के अधिकार को मौलिक अधिकार में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमरतोड़ महंगाई और रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी पर भी लगाम लगाएं सरकार। उन्होंने कहा कि अगर सरकार देश की संविधान और एकता को कुचलना चाहती है तो यह हमे मंजूर नहीं। यह देश जितना हिंदुओं का है उतना ही मुसलमान का भी है, उतना ही सिख और ईसाई का भी है।

 

नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार हिंदू और मुसलमान और मंदिर मस्जिद के नाम पर देश को तोड़ना बंद करें। डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी की मांग भी किसान कर रहे हैं। इसके अलावा किसान, मनरेगा को मजबूत करने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और औपचारिक व अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में सभी श्रमिकों के लिए पेंशन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में बिहार राज्य किसान सभा के नेता रमन कुमार, शंभु क्रांति, मो. वसीमुद्दीन समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

 

 

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