बिहार न्यूज़ लाइव जमुई डेस्क: मृगांक शेखर सिंह/जमुई. बिहार सरकार के तरफ से जारी आदेश के अनुसार, राज्य के अंदर अब प्रखंड स्तर पर सभी विभागों के अधिकारियों को मिलाकर एक समन्वय समिति बनाई जाएगी। इस समन्वय समिति की बैठक हर मां बुलाई जाएगी जिसमें सभी भागों के पदाधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
कोई प्राधिकारी बिना सूचना के बैठक में मौजूद नहीं होता है तो उसकी रिपोर्ट सीधे डीएम और मंत्रिमंडल सचिवालय में दिया जाएगा। इसके साथ ही अगर कोई अधिकारी काम में लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी करने का अधिकार बीडीओ को दिया गया है।प्रखंड स्तर पर सभी विभागों के अधिकारियों को मिलकर एक समन्वय समिति बनाने का फैसला लिया गया है
जिसमें प्रखंड के बीडीओ को समिति का सदस्य सचिव बनने के साथ कई अधिकार भी दिए गए हैं। इसको लेकर बिहार सरकार की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है।बिहार सरकार के तरफ से जारी आदेश के अनुसार, राज्य के अंदर अब प्रखंड स्तर पर सभी विभागों के अधिकारियों को मिलाकर एक समन्वय समिति बनाई जाएगी। इस समन्वय समिति की बैठक हर मां बुलाई जाएगी जिसमें सभी भागों के पदाधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी। कोई प्राधिकारी बिना सूचना के बैठक में मौजूद नहीं होता है तो उसकी रिपोर्ट सीधे डीएम और मंत्रिमंडल सचिवालय में दिया जाएगा। इसके साथ ही अगर कोई अधिकारी काम में लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी करने का अधिकार बीडीओ को दिया गया है।
इस पत्र में कहा गया है कि प्रखंड स्तरीय समन्वयक समिति द्वारा सभी विभागों द्वारा संचालित विकास कार्यक्रमों का जांच किया जाएगा और इस कार्य में उन विभागों के प्रखंड स्तर पर पदस्थापित पदाधिकारी द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जाएगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी सभी विभागों के प्रखंड स्तर पर संचालित विकास योजनाओं के लिए समन्वय की भूमिका का निर्वहन करेंगे।
इस प्रखंड स्तरीय संबंध में समिति में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र), प्रखंड पशुपालक पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, उद्योग विस्तार पदाधिकारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, प्रखंड परियोजना पदाधिकारी (जीविका), कार्यक्रम पदाधिकारी(मनरेगा), प्रखंड उद्यान प्राधिकारी, सहायक अभियंता और जिला पदाधिकारी के प्रतिनिधि (वरीय उपसमाहर्ता) को सदस्य बनाया गया है।
आपको बताते चलें कि, राज्य के अंदर सरकारी कामकाज सही तरीके से हो, उसका लाभ प्रदेश की जनता को आसानी से मिल सके, इसके लिए अलग-अलग विभाग बनाए गए हैं। वहां अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। लेकिन इन विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच आपसी तालमेल सहीं नहीं होने के कारण काम में अनावश्वयक देरी होती रही है।
ऐसे में अब सरकार ये यह बड़ा कदम उठाया गया है ताकि इनके बीच आपसी तालमेल में बढ़ोतरी कर प्रखंड स्तर पर प्रखंड स्तरीय जन समस्याओं का निस्तारण कर सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को समय सीमा के अंदर धरातल पर पारदर्शी तरीके से लाने में सार्थक पहल साबित होगी।
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