जमुई: मुख्यमंत्री ने क्षतिग्रस्त पुल का किया निरीक्षण, बालू के उत्खनन मानक के विपरीत व पुल क्षतिग्रस्त होने पर नाराज ग्रामीणों ने जमकर लगाए मुर्दाबाद के नारे।

Rakesh Gupta

 

 

 

बिहार न्यूज़ लाइव जमुई डेस्क मृगांक शेखर सिंह/जमुई जमुई जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र के चुरहेत गांव समीप स्थित बरनार नदी पुल का पिलर धंस जाने के बाद पूर्व एमएलसी संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उन्होंने कहा कि बीते दिनों भारी बारिश एवं अवैध बालू उत्खनन के कारण पुल क्षतिग्रस्त होने से सोनो प्रखंड के नौ पंचायत एवं खैरा प्रखंड के चार पंचायत का लगभग एक लाख आबादी प्रभावित हुआ हैं। पुल क्षतिग्रस्त की जानकारी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को जमुई जिला अंतर्गत सोनो प्रखंड क्षेत्र के चुरहेत कॉजेवे पुल का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होंने  महज चंद मिनट में निरीक्षण कर पदाधिकारियों को दिशानिर्देश देकर चले गए। इस दौरान मीडिया कर्मियों को भी बहुत दूर-दूर रखा गया एवं समाचार संकलन करने में भी बाधा उत्पन्न हुई।

 

हालांकि मुख्यमंत्री के चले जाने के बाद मीडिया कर्मियों से मुखातिब होकर साइंस एवं टेक्नोलॉजी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को जल्द ही पुल की मरम्मत कर आवागमन बहाल करने का निर्देश दिया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर बालू के अवैध उत्खनन मानक के अनुरूप नहीं होने पर पुल क्षतिग्रस्त हो जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से करना चाहते थे। लेकिन स्थानीय लोगों को भी नहीं मिलने देने का आरोप लोगों ने जिला प्रशासन पर लगाया। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री निरीक्षण करने नहीं, नदी में बालू देखने आए थे। क्षतिग्रस्त पुल के निरीक्षण के दौरान लोगों का नाराजगी व गुस्सा पदाधिकारी को झेलना पड़ रहा था, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने के पहले स्थानीय लोगों को क्षतिग्रस्त पुल से 200 मीटर दूर ही रोक दिया गया था। इसके कारण लोगों का मुख्यमंत्री, स्थानीय नेता और जिला प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। स्थानीय लोगों ने नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कहने लगे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण करने नहीं आए। बल्कि नदी में कितना और बालू बचा है उसे देखने आए।

 

स्थानीय लोगों ने कहा कि सोनो के चुरहेत कॉजेवे पुल क्षतिग्रस्त होने से यहां के एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।सोनो चुरहेत कॉजेवे पुल का क्षतिग्रस्त होने लिए स्थानीय लोगों ने अधिकारियों, बालू माफियाओं एवं स्थानीय नेताओं पर सीधा आरोप लगाया है। इस दौरान लोगों ने कहा कि बालू के अवैध उत्खनन मानक के विपरीत किया जा रहा था तब हम लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था। लेकिन कोई नेता एवं कोई आला अधिकारी इस मामले में सुधि लेने नहीं आए थे। उन्होंने कहा कि जिस समय नदी से बालू का उठाव हो रहा था, उस समय अगर मानक के अनुसार बालू का उठाव होता तो पुल की दशा आज ऐसी नहीं होती। सिर्फ अवैध उगाही के चक्कर में मानक के विपरीत बालू का उठाव किया गया। उसके कारण पुल के 11 पिलर नदी में धंस गए।स्थानीय लोगों ने कहा कि जिस समय अबैध तरीके से बालू का उठाव किया जा रहा था। उस समय कई लोगों ने इसका विरोध किया। लेकिन बालू माफियाओं पर कार्रवाई की बजाय जिला प्रशासन ने उल्टे स्थानीय लोगों पर मुकदमा दर्ज करा दिया था।सोनो चुरहेत कॉजेवे छतिग्रस्त पुल के निरीक्षण के बाद नेताओं और प्रशासन का काफिला जब निकलने लगा तो लोगों ने चुरहेत गांव के पास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व स्थानीय नेताओं सहित अधिकारियों के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगे।

 

इस दौरान मुख्यमंत्री के जाते ही निरीक्षण स्थल पर लगे बैनर एवं पोस्टर को लोगों ने पैरों तले कुचलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मुरादाबाद का नारा लागत भी नजर आए। मुख्यमंत्री द्वारा पुल के निरीक्षण के दौरान मीडिया कर्मियों को भी समाचार संकलन मैं सहयोग करने के बजाय उन्हें भी रोका गया। लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर दिखा। लोगों का नाराजगी व गुस्सा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके अधिकारियों पर फूट पड़ा। इस दौरान ग्रामीणों ने नीतीश सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ भी जमकर आक्रोश जताया। ग्रामीणों का आरोप था कि उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा पुल निरीक्षण के दौरान कॉजवे के समीप जाने से रोका गया। जिला प्रशासन की मिली भगत से बालू का अवैध उत्खनन मानक के विपरीत करने मामले की शिकायत ग्रामीण मुख्यमंत्री से करना चाहते थे।

 

ग्रामीणों ने कहा कि कहीं पदाधिकारीयों एवं बालू माफियाओं की पोल ना खुल जाए इसलिए किसी को भी मुख्यमंत्री के समक्ष जाने नहीं दिया गया। पदाधिकारियों एवं बालू माफियाओं की मिलीभगत से बेतरतीत तरीके से नदियों के अस्तित्व को खत्म करने की पोल ना खुल जाय इसलिए ग्रामीणों को मुख्यमंत्री से मिलने से रोका गया। इसे लेकर लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिला। गुस्साएं लोगों ने इस दौरान नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाये।वही संबंधित मामले पर मीडिया से मुखातिब होते हुए पूर्व एमएलसी संजय प्रसाद ने कहा कि पुल क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मैं माननीय मुख्यमंत्री को दिया।

 

जिस पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए आज क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही पुल का निर्माण कराया जाएगा। सोनो प्रखंड के सम्मानित मुखिया एवं लोगों द्वारा बरनार् जलाशय योजना बचाओ संघर्ष के तरफ से 3 महीना आंदोलन खड़ा किया था। उन्होंने आगे कहा कि वहां जो स्थानीय जनप्रतिनिधि हैं उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है यह बेहद ही दुखद बात है हम लोग जैसे आदमी को जानकारी हुआ।

 

हम लोगों ने जाकर ग्रामीणों से बात भी किया और ग्रामीण मन भी गए फिर हम लोगों ने मुकदमा भी वापस करवाया।पुल के नजदीक बालू उत्खनन करने से पुल के समीप से बालू खिसक गया जिसके कारण पुल क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पल के नजदीक बालू खनन नहीं करना है। संबंधित मामले पर दोषी कौन है के सवाल पर उन्होंने साफ तौर पर कहा की जिला प्रशासन इस मामले में दोषी है।

 

 

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