डॉ० संजय (हाजीपुर):ऐतिहासिक गाँधी स्मारक पुस्तकालय में रविवार को कार्तिक मास की कवि संगोष्ठी आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता शंभु शरण मिश्र ने की तथा संचालन डॉ० संजय ‘विजित्वर’ ने किया। इस अवसर पर उपस्थित कवियों ने अपनी-अपनी रचना सुनाकर वाहवाही लूटी। कवि संगोष्ठी की शुरुआत वरिष्ठ कवि हरि विलास राय की गेय रचना-आज धरती पर उतर हई चान –से हुई।
इस क्रम में डॉ० नंदेश्वर सिंह ने व्यंग्यात्मक पंक्तियाँ-आखिरकार रावण को क्यों जलाते हैं–? रंगकर्मी मनोरंजन वर्मा ने – बुझे-बुझे से हमसफर थोड़ी- सी आग मांगते हैं–सुनाई। इसके बाद डॉ० अशोक कुमार सिंह ने -यार कहते हैं लोग मुझे दाल– सुनाई।वरिष्ठ कवि सीताराम सिंह की रचना- बडों की शादियां बड़ी- बड़ी–।
कवि संगोष्ठी का संचालन कर रहे डॉ० संजय ‘विजित्वर’ ने अपनी गेय रचना -आई दिवाली, आई दिवाली, दीपों की त्योहार दीवाली सुनायी। अध्यक्षता कर रहे शंभु शरण मिश्र ने- कहियो त चान मिले आएत–सुनाकर कवि संगोष्ठी का समापन किया। धन्यवाद ज्ञापन पूर्व सैनिक सुमन कुमार ने किया। इस अवसर पर विपिन कुमार सिंह, शुभी और सिल्की, डॉ० शैलेन्द्र राकेश, राहुल तथा सत्येन्द्र शर्मा की भी उपस्थिति रही।
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