Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

मधेपुरा: संयुक्त किसान मोर्चा का अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन।

58

- sponsored -

:किसानों ने राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति की प्रतिलिपि का किया दहन l

रंजीत कुमार/मधेपुरा

बी पी मंडल चौक पर कृषि विपणन नीति का दहन करते किसान नेताओं ने कहा कि हम भारत के किसान आज देश भर के जिलों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
हम एनडीए 3 के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करने का कड़ा विरोध करते हैं और उन सभी किसान संगठनों और मंचों से, जो वास्तविक मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं के साथ वार्ता करने की मांग करते हैं। यहां तक ​​कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से किसानों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए कहा है।हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार से कि किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर दमन और आंसू गैस के गोले दागने को रोक लगाई जाए, गत दिनों से गौतम बुद्ध नगर की लुक्सर जेल में बंद सभी किसानों को रिहा करने, उन पर हत्या के प्रयास सहित झूठे लगाए गए मामलों को वापस लेने और साजिश के लिए जिम्मेदार पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति, डिजिटल कृषि मिशन और राष्ट्रीय सहयोग नीति को वापस लेने और संघर्ष कर रहे सभी किसान संगठनों के साथ तुरंत चर्चा करने और एमएसपी, ऋण माफी, बिजली के निजीकरण और एलएआरआर अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन पर किसानों की लंबे समय से लंबित वास्तविक मांगों को स्वीकार किया जाए l

एसकेएम ने 18वीं लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए3 सरकार के सत्ता में आने के ठीक बाद 16, 17, 18 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं और सभी संसद सदस्यों को ज्ञापन सौंपा था। किसानों ने 9 अगस्त 2024 को पूरे देश में कृषि पर कॉर्पोरेट नियंत्रण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एसकेएम ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और कृषि श्रमिक संघों व मंचों के साथ मिलकर 500 से अधिक जिलों में बड़े पैमाने पर मजदूर-किसान विरोध प्रदर्शन किएl

यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी संघर्ष कर रहे किसान संगठनों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बजाय, पंजाब के शंभू और खनूरी सीमाओं और उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा में किसानों के संघर्ष को आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियां, पानी की बौछारों का इस्तेमाल करके और शांतिपूर्ण प्रदर्शन और धरना करने के लिए सैकड़ों किसानों को जेल में डालकर क्रूरता से दबाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

नई राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति तीन कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने की कॉर्पोरेट एजेंडे की रणनीति का हिस्सा है। कॉर्पोरेट ताकतें भारत के मेहनतकश लोगों को चुनौती दे रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार केवल कॉर्पोरेट हितों की सेवा कर रही है l दिल्ली कूच करने वाले किसानों पर दमन बंद किया जाए राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस ले सरकार l

किसान आंदोलन में बिहार राज्य किसान सभा के नेता विद्याधार मुखिया, गणेश मानव, शैलेंद्र सुमन, दिलीप पटेल, वशीमउद्दीन, सौरभ कुमार , इंदल कुमार, मोO जहांगीर आदि नेता शमिल थे l

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- sponsored -

- sponsored -

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More