Bihar News Live Desk: मधेपुरा नगर परिषद की वार्षिक बजट पर लगा ग्रहण।
:आयोजित सामान्य बोर्ड की बैठक बीच में हीं हुई स्थगित,सदन से बाहर निकली मुख्य पार्षद।
:मुख्य पार्षद को सता रही अपनी जान की खतरा।
जिला संवाददाता रंजीत कुमार
मधेपुरा नगर परिषद की वार्षिक बजट पर लगा ग्रहण,सामान्य बोर्ड की बैठक बीच में हीं हुई स्थगित,सदन से बाहर निकली गुस्से में आगबबूला हुई मुख्य पार्षद। वहीं मुख्य पार्षद को सता रही है अपनी जान की खतरा,मुख्य पार्षद ने कहा सदन मुझे वार्ड पार्षद प्रतिनिधि दे रहे थे आंख निकालने की धमकी बिना प्रशासन के बैठक करना नहीं है संभव। दरअसल आज मधेपुरा नगर परिषद की वार्षिक बजट (2024-25) पर एक बार फिर ग्रहण लग गया है। बता दें कि मधेपुरा नगर परिषद में आयोजित सामान्य बोर्ड की बैठक के बीच में हीं शहर की विकास को लेकर हंगामा शुरू हो गया,जहां बात इतनी आगे बढ़ की की एक वार्ड पार्षद के देवर ने सदन घुसकर मुख्य पार्षद की आंख तक निकाल लेने की धमकी दे डाली। हालांकि सामान्य बोर्ड की बैठक बीच में हीं स्थगित कर मुख्य पार्षद कविता कुमारी साहा, बैठक से बाहर निकल गयी। साथ हीं गुस्से से आग बबूला हुई मुख्य पार्षद ने कहा सबको है अपनी जान की खतरा, सदन में आंख निकालने की भी हमे दी जा रही है धमकी, जिस कारण बैठक बिना प्रशासन के नहीं है संभव। वहीं सामान्य बोर्ड की बैठक मुख्य पार्षद की अध्यक्षता में चल रही थी। बैठक के दौरान विभिन्न वार्डों में जलजमाव की समस्याओं से निजात दिलाने, तथा आवास योजना सहित अन्य मामलों पर चर्चा भी हो रही थी। चर्चा के दौरान पिछली बैठक की संपूष्टि करने का मामला सामने आया। वहीं मुख्य पार्षद ने कहा कि वे बिना जाँच के पिछली बैठक की कार्यवाही पंजी पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और ना हीं संपूष्टि करेंगे। इसी बात को लेकर हंगामा सुरू हो गया, हंगामे के बीच एक वार्ड पार्षद के देवर सदन में घुसकर मुख्य पार्षद को आंख निकाल लेने की धामी दे डाले, जिसके बाद मुख्य पार्षद गुस्से में आगबबूला हुई और आक्रोशित होकर अचानक बैठक से बाहर निकल गयी। मुख्य पार्षद ने आरोप लगाया है कि एक पार्षद प्रतिनिधि द्वारा बैठक के दौरान उनके साथ अशोभनीय शब्द का इस्तेमाल किया और आंख निकालने की धमकी भी दी,उन्होंने कहा कि प्रशासन के उपस्थिति में हीं अब सामन्य बोर्ड की बैठक रखी जायेगी। वहीं इस मामले को लेकर विभिन्न वार्ड पार्षदों ने मुख्य पार्षद के अचानक सदन से बाहर निकल जाने पर इस मामले को दुर्भाग्यपुर्ण बताया साथ हीं शहर विकास विरोधी भी करार दिया। उन्होंने मुख्य पार्षद पर विकास विरोधी होने का आरोप भी लगाया है। हालांकि मधेपुरा नगर परिषद में चल रहे इस आरोप प्रत्यारोप की राजनीति में नगर के विकास की गती जरूर थम गई है। शहर के कई वार्डो में जलमाव और गंदी शहर की अभिशाप बन गई है।
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