रंजीत कुमार/मधेपुरा
मधेपुरा 26 दिसंबर 2024, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी वर्ष पर आज यहां कॉलेज चौक स्थित भाकपा कार्यालय में पार्टी के वयोवृद्ध नेता एवं बीएनएमयू के पूर्व कुल सचिव प्रोO शचींद्र महतो के द्वारा झंडा रोहण से प्रारंभ हुआ l इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने झंडा गीत गाकर पार्टी को मजबूत बनाने एवं सांप्रदायिक और पूंजीवादी ताकत के खिलाफ संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया l
मौके पर भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का जन्म 26 दिसंबर 1925 को कानपुर शहर में साम्राज्यवादियों के खिलाफ राष्ट्रीय आजादी के लिए संघर्ष तेज करने के उद्देश्य हुआ था l
उन्होंने कहा कि देश के कई क्रांतिकारियों ने अक्टूबर क्रांति से प्रेरित होकर अंग्रेजी शासन से मुक्ति के लिए देश में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की थी l
उन्होंने कहा कि 1925 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का जन्म देश और विदेश में होने वाली बड़ी-बड़ी ऐतिहासिक घटनाओं का नतीजा था l
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना अंग्रेजी हुकूमत को बेचैन कर दिया अंग्रेजी हुकूमत ने कम्युनिस्ट पार्टी के फैलाव को रोकने के लिए पार्टी पर बैंड लगा दिया एवं कानपुर षड्यंत्र केस और मेरठ षडयंत्र केस में प्रमुख भाकपा नेताओं को अभियुक्त बना दिया ,बावजूद उसके पार्टी का फैलाव रुका नहीं ,वह दौर था जब देश में अखिल भारतीय किसान सभा ,अखिल भारतीय छात्र संघ, अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ आदि संगठनो जन्म हुआ और इन तमाम संगठनों ने आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की l भाजपा के नेतृत्व में तेभागा और तेलंगाना जैसे बड़ा किसान आंदोलन हुआ जिसमें हजारों किसानों मजदूरों ने अपनी शहादत दी उन्होंने कहा कि आजाद भारत में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी थी, 1964 में पार्टी के विभाजन के बाद भी बिहार में भाकपा मजबूत थी, 1967 में हमारी पार्टी संविद सरकार में शामिल हुई और उसमें चार-चार मंत्री हुए ,1970 के दशक में भूमि मुक्ति आंदोलन से देश भर में गरीबों और मजदूरों पर व्यापक प्रभाव देखा गया और 1972 आते-आते बिहार विधानसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 35 विधायक हो गए, उस समय पार्टी बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी थी ,विरोधी दल के नेता काOसुनील मुखर्जी हुआ करते थे l 1995 में बिहार से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के आठ सांसद हुआ करते थे 2004 आते-आते देश में वाम दलों का 62 सांसद निर्वाचित हुए l
भाकपा नेता प्रभाकर ने कहा कि आज हमारी पार्टी लोकसभा और विधानसभा में कमजोर हुई है परंतु जन सरोकार के मुद्दे को लेकर आज भी सड़कों पर हमारी सक्रियता सबसे अधिक है l
उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में पार्टी ने संकल्प लिया है कि हम अपनी खोई हुई जनाधार को वापस करेंगे ,भारतीय संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे पार्टी संगठन और जन संगठन को मजबूत बनाएंगे तथा देश में वामपंथी जनवादी विकल्प तैयार करेंगे l
भाकपा के जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि सबसे पहले भाकपा के नेता मौलाना हसरत मोहानी ने ही कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में पूर्ण आजादी का नारा दिया था l
स्वतंत्रता सेनानी सिंगार वेलु चेटियार, श्रीपाद अमृत डांगे मुजफ्फर अहमद, नलिनी गुप्त ,शौकत उस्मानी ,एस एन राय, अजय घोष आदि ने पार्टी की स्थापना एवं उसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन की l
भाकपा के राज्य परिषद सदस्य शैलेंद्र कुमार एवं उमाकांत सिंह ने कहा कि आजादी की लड़ाई में दर्जनों कम्युनिस्ट नेताओं को काला पानी की सजा दी गई जेल में यातनाएं दी गई बावजूद कम्युनिस्ट पार्टी के विकास को रोकना संभव नहीं हुआ l
किसान नेता रामदेव सिंह एवं मुकुंद प्रसाद यादव ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव चिन्ह आजाद भारत का सबसे पुराना चुनाव चिन्ह है हमें पार्टी के गौरवशाली इतिहास पर गर्व है l
इस अवसर पर पार्टी के वरीय नेता अंबिका मंडल, दिलीप पटेल, रमेश कुमार शर्मा ,मोहम्मद चांद, बाबूलाल मंडल ,प्रमोद कुमार सिंह ,अरुण कुमार तांती, मोहम्मद सिराज ,सच्चीदा शर्मा, अजीत शर्मा ,मनोज राम ,अनिल पासवान ,चंद्रशेखर पोद्दार, भुनेश्वरी शर्मा ,मोहम्मद हकीम, दिवाकर कुमार ,मोहम्मद फैयाज, सिंटू कुमार ,आशीर्वाद कुमार एवं महिला नेत्री अहिल्यादेवी आदि ने अपना विचार प्रकट किया l
सभी नेताओं ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गौरवशाली इतिहास को हम आगे बढ़ाएंगे पार्टी के संकल्पों को धरती पर उतारेंगे , साम्राजवादी और सांप्रदायिक ताकत को परास्त कर समता मूलक समाज बनाएंगे l
अंत में भाकपा नेता एवं
बी एन एम यू के पूर्व कुल सचिव प्रोO सचिंद्र महतो ने कहा कि आज भी सिद्धांतों और विचारों को मजबूती से मानने वाली पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी है ,हमें गर्व है कि हम इसके सदस्य हैंl उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने एवं जन संघर्ष को तेज करने का आह्वान किया l
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