बिहार न्यूज़ लाईव अजमेर डेस्क: पुष्कर/अजमेर (हरिप्रसाद शर्मा) अखिल भारतीय सैन समाज एवं सैन भक्ति पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी अचलानन्दाचार्य महाराज ने मंगलवार को आश्रम में साधु-संत महात्माओं का समष्टि भंडारा किया । सैनाचार्य ने भक्तों को तीर्थ की महिमा का वर्णन किया । उन्होंने कहा कि मंगलाचौक को सुधाबाय तीर्थ में अपने कष्टों का निवारण करने भक्तगण आते है । यहाँ के स्नान का महत्व है ।सैनाचार्य ने कहा कि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की पीड़ाओं क्षय होता हैं । भंडारे में संतों के साथ श्रद्धालुओं ने भी प्रसाद ग्रहण किया ।
सैन भक्ति पीठ के प्रवक्ता हरिप्रसाद पाराशर ने बताया कि स्वामी अचलानन्द महाराज के पुष्कर पहुँचने पर आश्रम में सैकड़ों भक्तों पहुँचे ने पर महाराज ने आशीवर्चन कहें।
सैनाचार्य ने कहा कि पुष्कर पौराणिक तीर्थ है । तीर्थ का स्वरूप तीर्थ की मर्यादा अनुरूप होना चाहिए । सरकारों को तीर्थ का विकास निश्चित करना चाहिए । लेकिन पुष्कर को पर्यटन के रूप में विकसित नहीं किया जाना चाहिए । तीर्थ गुरू पुष्कर में सभी लोग आते हैं, उनको वातावरण धर्मानुकूल मिलना चाहिए ।
सैनाचार्य ने सांयकाल सैनाचार्य का रत्नागिरी पर्वत की तलहटी में बना सैन पैनेरोमा वृक्षारोपण कर सेन पैनोरम का अवलोकन किया । जहां पर सैन समाज के लोगों ने सैनाचार्य का स्वागत किया । इसके पश्चात महाराज ने वहाँ पर वृक्षारोपण किया । उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण को बतायें जाने की आवश्यकता है । उन्होंने सभी भक्तों व आमजन से आव्हान किया कि पर्यावरण के लिए जीवन में मनुष्य पौधे अवश्य लगायें । आने वाली युवा पीढ़ी को भी कहें कि वह जीवन में वृक्षारोपण कर ज़िम्मेदारी लें।
कार्यक्रम में शिवम् रत्नू, बाबू भाई, श्याम सेन, बृजेश सैन,डॉ महेंद्र बाघ,रमेश जोधपुर,श्रीमती कंचन सेन, राहुल सिसोदिया, किशन चारण, कमल सेन ,मनीष ठाकुर हरिप्रसाद पाराशर आदि कार्यकर्ता मौजूद थे ।
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