हाजीपुर: अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अन्तर्गत जिला स्तरीय सतर्कता एवंं अनुश्रवण समिति की हुई बैठक..
बिहार न्यूज़ लाइव हाजीपुर डेस्क: डॉ० संजय (हाजीपुर)- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक की अपने कार्यालय कक्ष में अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी, वैशाली,यशपाल मीणा के द्वारा तीन तरह के मामलों पर गंभीरता से कार्य करने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि हत्याकांड से जुड़े मामलों में पीड़ित परिवार को पेंशन की देयता, दर्ज प्राथमिकी के विरुद्ध चार्जशीट का दाखिल किया जाना एवं पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि के भुगतान में तेजी लाने की बात कही गई। बैठक में विधायक, महुआ, डॉ मुकेश कुमार रौशन एवं राजापाकर विधायक, प्रतिमा कुमारी के साथ सांसद,हाजीपुर के सांसद प्रतिनिधि ,प्रमोद कुमार उपस्थित थे।
जिलाधिकारी के द्वारा सर्वप्रथम हत्याकांड के मामलों की समीक्षा की गई। जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि 2023 में एक मामला प्रति वेदिक है जिसमें प्रथम किस्त की राशि का भुगतान कर दिया गया है, परंतु इस मामले में अभी चार्जशीट नहीं कराया गया है। उन्होंने बताया कि 2022 में हत्याकांड के कुल 7 मामले हुए थे जिसमें पांच के मामलों में उनके परिजनों को ₹8.25 लाख की दर से राशि का भुगतान कर दिया गया है तथा इसमें 2 लोगों के परिजनों को पेंशन भी दिया जा रहा है तथा 1 का प्रस्ताव बढ़ा हुआ है। अभी 4 लोगों से संबंधित पेंशन लंबित है जिस पर जांच की कार्रवाई की जा रही है। 2022 के 7 मामलों में 2 में अभी भी चार्जशीट लंबित है जो बलिगांव थाना एवं कटहरा ओपी से संबंधित है।
2021 में हत्याकांड के तीन मामले थे जिसमें 2 मामले में पेंशन दिया जा रहा है। जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि 2022 के मई माह तक 14 पीड़ित परिवार को पेंशन दिया जा रहा था, परंतु पिछले एक वर्ष में इसमें 19 की वृद्धि हुई है। वर्तमान में जिला कल्याण शाखा द्वारा कुल 33 पीड़ित परिवार को अत्याचार अधिनियम अंतर्गत पेंशन दिया जा रहा है। जिलाधिकारी के द्वारा उप विकास आयुक्त,वैशाली को अपने स्तर से पेंशन की समीक्षा कर लेने और जो भी मामले लंबित हैं उसका शीघ्र निष्पादन कराने का निर्देश दिया गया। जिन थाने से हत्याकांड से संबंधित चार्जशीट नहीं आया है उस पर पुलिस अधीक्षक के स्तर से कारवाई के लिए निदेश देने के लिए पत्र लिखने का निदेश जिला कल्याण पदाधिकारी को दिया गया।उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल का आंकड़ा निकालें और उस पर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं।
जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि 2023 में अभी तक 86 प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, परंतु अभी किसी भी मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं किया गया है। जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए एससी- एसटी थाना प्रभारी को शीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया एवं जिला कल्याण पदाधिकारी को एक प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, डीएसपी हेडक्वार्टर के कार्यालय में प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया गया ताकि प्रतिदिन इस पर कार्रवाई हो सके। डीएसपी हेडक्वार्टर को एक माह में सभी मामलों में चार्जशीट दाखिल कराने का निर्देश दिया गया। उपस्थित विधायकगण के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में थाना द्वारा आनाकानी करने की बात कही गई जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि बिना भेदभाव किए और बिना प्रभावित हुए थाना एफआईआर दर्ज करे, यह सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि सभी थाना प्रभारियों को अधिनियम से संबंधित जानकारी के लिए जिला स्तर पर जिला कल्याण शाखा की तरफ से एक कार्यशाला का आयोजन करायी जाए।
बैठक में जिलाधिकारी एवं विधायकगण के साथ उप विकास आयुक्त, चित्रगुप्त कुमार, समिति के सदस्यों में – सुरेंद्र राम, लक्ष्मण पासवान, बेबी कुमारी,शिवानी कांत,राम लगन राम ,सुरेंद्र कुमार पासवान, थाना अध्यक्ष, अनुसूचित जाति जनजाति, विशेष लोक अभियोजक, व्यवहार न्यायालय, हाजीपुर उपस्थित थे।
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