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समस्तीपुर: एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने को लेकर खानपुर थाना परिसर में लोगो को जागरुकता करने के लिये बैठक आयोजित।लोगों को दी गई नए कानून की जानकारी।

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एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने को लेकर खानपुर थाना परिसर में लोगो को जागरुकता करने के लिये बैठक आयोजित।लोगों को दी गई नए कानून की जानकारी।

वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देशानुसार थानाध्यक्ष मो0 फहीम ने संसद से पारित तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू होने के बारे में बैठक के माध्यम से किया जागरूक।

बिहार न्यूज़ लाईव समस्तीपुर डेस्क: अर्जुन कुमार झा/समस्तीपुर/संसद से पारित तीन नए आपराधिक कानून को 1 जुलाई से पूरे भारत में लागू कर दिया गया है।संसद से तीन नए कानून पारित होने से आपराधिक व अन्य घटनाओ से जुड़े पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिये सोमवार को लागू हो गया हैं।1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू को लेकर सोमवार को खानपुर थाना परिसर में थानाध्यक्ष मो0 फहीम की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।जिसमें नए तीन आपराधिक कानून के बारे में विस्तार से लोगों को बताया।वही थानाध्यक्ष मो0 फहीम ने बताया कि तीन नए कानून बहुत ही महत्वपूर्ण है।जिसमें आईपीसी और सीआरपीसी को हटा कर अब भारतीय न्याय संहिता में केस दर्ज होगा।पुलिसकर्मियों को इसलिए जागरूक किया गया है।की वह बगैर किसी परेशानी के नए कानून के तहत काम कर सके। आमलोगों को नए कानून से कैसे लाभ मिलेगा पुलिस की नए तीन कानून से क्या जिम्मेदारियां तय हुई है इसके लिए वरीय पुलिस पदाधिकारी के द्वारा हर निर्देश जारी किया गया है।वही सभी पुलिस पदाधिकारी को सरल भाषा में ट्रेनिंग की जानकारी दी गई है।

 

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तथा ट्रेंनिग के बाद पुलिस पदाधिकारी को परीक्षा भी देना पड़ा है।वही थानाध्यक्ष मो0 फहीम ने तीन नए कानून के बारे में विस्तार पूर्व बताते हुए कहा कि अब नए कानून के तहत सभी चीजों का डिजिटल रिकॉर्ड मेंटेन किया जायेगा।संगठित अपराध को रोकने के लिए भी नए कानून में कई तरह के प्रावधान लाये गये है।जिसे बड़े बदलावों पर तैयार एक पुस्तिका थानाध्यक्षों के स्तर पर आमंत्रित नागरिकों को दी गई है।वही बताते चले कि नए कानून लागू होने पर विभिन्न अपराध दर्ज करने की धाराएं एंव न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने की उम्मीदें है। नया कानून लागू होने पर सबसे बड़ा बदलाव होगा कि पुलिस जांच पदाधिकारियों की जांच व अनुसंधान का तरीका बदलेगा।तथा डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा मिलेगा।

 

जिससे गंभीर अपराध के घटनास्थल पर उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किये जा सकेंगे।तथा नए तीन कानून में घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पर विशेष रूप से ध्यान रखा जायेगा।एंव अपराध में मोबाइल फोन,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के आलोक में पुलिस पदाधिकारियों को इलेक्ट्रानिक साक्ष्य एकत्र कर न्यायालय में पेश करने होंगे।जिसे खास कर साइबर अपराधों के मामलों में त्वरित कार्रवाई हो सकेगी।नए कानून लागू होने से एफआईआर डाउनलोड करने की सुविधा होगी।वही बैठक में थानाध्यक्ष मो0 फहीम ने बताया कि वर्तमान में बिहार पुलिस के एससीआरबी वेबसाइट पर एफआईआर डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है।

 

शीघ्र ही गुम हुई संपत्ति,लापता व्यक्ति,घरेलू सहायक,ड्राइवर का पूर्व चरित्र सत्यापन,वरिष्ठ नागरिक का रजिस्ट्रेशन व किरायेदार का पूर्व चरित्र सत्यापन जैसी व्यवस्थाए ऑनलाइन होंगी।बिहार पुलिस की वेबसाइट पर तीनों आपराधिक कानून हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध होंगे।ई-मेल से करे स्थानीय थाना में शिकायत।डिजिटल पुलिसिंग का फायदा यह है कि आमजन ई-मेल से थाना को अपनी शिकायत भेज कर एफआईआर दर्ज करा सकेंगे।इसके लिए बिहार पुलिस की वेबसाइट पर थानों के नंबर एवं ई-मेल की जानकारी दी गई है।नए कानून में वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन होगी।तथा बयान के आधार पर गलत दोषारोपण पर रोक लगेगी।बने तीन नए कानून से पूरे बिहार में गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति के फिंगरप्रिंट डाटाबेस में दर्ज किये जाएंगे।

 

तथा घटनास्थल पर मिलने वाले फिंगरप्रिंट का त्वरित मिलान पूरे देश में गिरफ्तार व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट डाटाबेस से किया जा सकेगा।वही बैठक में तीन नए आपराधिक कानून के बारे में दी गई जानकारी के मौके पर थानाध्यक्ष मो0 फहीम,अपर थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार,एसआई अरविंद सिंह,एसआई सुबोध कुमार,एएसआई अनिल कुमार,एएसआई अजय कुमार दुवे,एएसआई अनिल कुमार,सहित थाना क्षेत्र जनप्रतिनिधियों व आमजन उपस्थित थे।

 

 

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