Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

सारण: अब बच्चों और युवा फाइलेरिया मरीजों का होगा इलाज, उन्हें कराया जाएगा फाइलेरिया मुक्त: संयुक्त सचिव

292

- sponsored -

 

अब बच्चों और युवा फाइलेरिया मरीजों का होगा इलाज, उन्हें कराया जाएगा फाइलेरिया मुक्त: संयुक्त सचिव

भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने दुर्गापुर में आयोजित पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की बैठक का लिया जायजा:

नेटवर्क सदस्यों से जानी उनकी बीमारी की कहानी, लोगों से की और जागरूकता फैलाने की अपील:

पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों ने कहा प्रत्येक मेंबर 20 से अधिक परिवारों को करेंगे जागरूक:

हमको बीमारी नहीं है तो हम क्यों खाएं दवा, लेकिन खाना बेहद जरूरी:

बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क छपरा, 14 फरवरी।
हमारा लक्ष्य है कि पूरे भारत से फाइलेरिया को जड़ से मिटाना है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि गांव में लोग दवाओं का सेवन करने से मना करते हैं। लेकिन, अब लोग यह जरूर समझ जाए कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना ही इस बीमारी से हमें सुरक्षित बचा सकता है। उक्त बातें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव राजीव मांझी ने मांझी प्रखंड के दुर्गापुर गांव में आयोजित फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप सहित ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों द्वारा आयोजित बैठक के दौरान कहीं।

- Sponsored -

इस अवसर पर संयुक्त सचिव के अलावा चाय के जयराम पारसा, पीरामल स्वास्थ्य के विकास सिन्हा, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणविजय कुमार, डब्ल्यूएचओ की डॉ माधुरी देवाराजू, पीसीआई के एएसपीएम अमरेश कुमार, एमओआईसी डॉ रोहित कुमार, पीरामल के हरिशंकर कुमार, आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

मालूम हो कि संयुक्त सचिव श्री मांझी सिवान और सारण जिले में चल रहे सर्वजन दवा सेवन अभियान की सतत और उच्च स्तरीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के लिए चार दिवसीय दौरे पर हैं। जहां तीसरे दिन सारण के मांझी प्रखंड के दुर्गापुर तो चौथे और अंतिम दिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य समिति के वरीय पदाधिकारियों के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक करेंगे।

दुर्गापुर में आयोजित पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि सरकार फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्था के लोग एकजुट होकर कार्य कर रहे है। लेकिन अब लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। इसलिए यह सबसे जरूरी है कि गांव के बुजुर्ग और बुद्धिजीवी वर्ग इस अभियान में अपनी भूमिका तय करें। जिससे दुर्गापुर गांव सहित पूरे सारण ही नहीं बल्कि बिहार और देश से फाइलेरिया को आसानी से मिटाया जा सके।

बच्चों और युवाओं को बचाना हमारा लक्ष्य:
संयुक्त सचिव ने ग्रामीणों को कहा कि लोग यह कहते हैं की हमें बीमारी नहीं है तो हम दवा क्यों खाएं, लेकिन लोगों को समझना होगा की यह दवा खाना उनके लिए जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि यह बीमारी उम्र और लिंग देखकर नहीं करती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। इसकी चपेट में बच्चे और युवा भी आ चुके हैं। जिसके लिए सरकार अब ऐसे मरीजों की बीमारी को मिटाने के लिए प्रयासरत है। इसलिए पटना और बेगूसराय में आयुर्वेद के माध्यम इलाज की सुविधा शुरू की गई है। जहां पर बच्चों, युवाओं और इस बीमारी के नए मरीजों को फाइलेरिया से मुक्त कराया जायेगा। उन्होंने जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह को ऐसे मरीजों की सूची तैयार कर इलाज के लिए भेजने का निर्देश दिया।

 

एडीआर और एफडीआर के कारण लोगों को होती है परेशानी:
संयुक्त सचिव ने नेटवर्क सदस्यों सहित उपस्थित ग्रामीणों को बताया कि दवाओं के सेवन से कई लोग बीमार पड़ जाते हैं। जिसके केवल दो कारणों से होता है। एक एडवर्ड ड्रग रिएक्शन (एडीआर) और दूसरा फेवरेबल ड्रग रिएक्शन (एफडीए)। लेकिन आसान शब्दों में कहा जाए तो एडीआर की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब खाली पेट दवाओं का सेवन किया जाता है। वहीं, जब एफडीआर की स्थिति उत्पन्न हो तो लोगों को खुश होना चाहिए। क्योंकि यह परिस्थिति तब उत्पन्न होती है जब दवाओं का सेवन करने लाभुकों में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद होते हैं। दवा के सेवन से परजीवी मरते हैं, जिसके कारण मितली, उल्टी, चक्कर, सिर दर्द और पेट दर्द की समस्या उत्पन्न होती है।

 

नेटवर्क सदस्यों के साथ मिलकर ग्रामीण करें अपने गांव में रिफ्यूजल मामलों को ब्रेक:
संयुक्त सचिव ने ग्रामीणों को समझाया कि सरकार के अथक प्रयास के बाद भी यह बीमारी लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसलिए अब लोग आगे आ कर इस अभियान से जुड़े और ज्यादा से ज्यादा लोगों को दवाओं का सेवन करने के लिए प्रेरित करें। इसलिए यह जरूरी हो गया है की सपोर्ट ग्रुप से जुड़े सदस्यों के साथ मिलकर स्थानीय ग्रामीण अपने गांव में रिफ्यूज के मामलों को ब्रेक करें। उन्होंने ग्रामीणों और सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों से आह्वान किया की आप सभी कम से कम 20- 20 परिवार को दवाओं का सेवन कराएं। जिसके बाद सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों के साथ ग्रामीणों ने उत्साह के साथ उनके आह्वान को स्वीकार किया और प्रत्येक सदस्य 20 व उससे अधिक परिवारों को जागरूक करने की बात कहीं। जिस पर संयुक्त सचिव ने सभी के उत्साह की सराहना की और शुभकामना दी।

फाइलेरिया मरीजों को दिया गया किट, दी गई इस्तेमाल की जानकारी:
कार्यक्रम के अंत में संयुक्त सचिव के द्वारा एक दर्जन मरीजों के बीच फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। साथ ही, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी द्वारा सभी को किट के इस्तेमाल की जानकारी दी। संयुक्त सचिव ने सभी मरीजों से अनिवार्य रूप से एमएमडीपी किट का इस्तेमाल करने की अपील की। बताया कि इस किट के इस्तेमाल से बीमारी खत्म नहीं होगी, लेकिन उसे और बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी। वहीं, दवाओं का सेवन करने, एमएमडीपी किट के इस्तेमाल के साथ कुछ व्यायाम भी हैं जो प्रखंड स्तर पर बनाएं गए एमएमडीपी क्लिनिक में बताया जाता है।

 

 

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- sponsored -

- sponsored -

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More